सचिन से टिप्स लेना चाहती हैं दीपिका कुमारी
९ नवम्बर २०१०सचिन तेंदुलकर क्रिकेट का पर्याय बन चुके हैं. न सिर्फ अपने खेल बल्कि अपने संयमित स्वभाव के कारण बीते दो दशक के करियर में उनका दामन बेदाग रहा. अनुशासन प्रिय सचिन का विवादों से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है. उनकी इस खूबी का राज जानने को हर कोई बेताब है.
हाल ही में सम्पन्न हुए कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली निशानेबाज दीपिका कुमारी भी सचिन से टिप्स लेना चाहती हैं कि खेल की धार को लंबे समय तक कैसे बरकरार रखा जाए. वह सचिन से मिलकर तफ्सील से बात करना चाहती हैं कि कैसे उन्होंने अपने बल्ले की धार और रनों की भूख को बीते सालों में कम नहीं होने दिया.
पीटीआई से बातचीत में वह कहती हैं. मैं बचपन से ही सचिन की फैन रही हूं. वह मेरे रोल मॉडल हैं. मैं उनसे मिल कर ढेंर सारी बातें करना चाहती हूं. जिससे सचिन की खूबियों को अपने जीवन में उतार सकूं.
वह कहती हैं कि सचिन पिछले 20 सालों से लगातार खेल रहे हैं. इसके बावजूद खेल के प्रति उनके उत्साह और अनुशासन में कोई कमी नहीं आई है. बल्कि समय के साथ क्रिकेट के प्रति उनका उत्साह लगातार बढ़ता ही गया है.
दीपिका का मानना है कि खेल की भूख, लगन और अनुशासन निशानेबाजी के लिए भी बेहद जरूरी है. इसलिए वह सचिन से मिलकर उनसे इस खूबी को विकसित करने की टिप्स लेना चाहती हैं. वह कहती हैं कि खेल भले ही अलग हो और क्रिकेट का निशानेबाजी से दूर दूर तक कोई वास्ता न हो लेकिन दोनों खेलों में कामयाब होने का तरीका एक ही है. सचिन इस खूबी के मालिक हैं इसलिए खेल के प्रति लगन और अनुशासन का गुण सीखने के लिए उनसे बेहतर दूसरा कोई और अन्य विकल्प हो ही नहीं सकता.
रिपोर्ट: पीटीआई/निर्मल
संपादन: महेश झा