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सद्दाम को हटाने का मलाल नहीं: ब्लेयर

३० जनवरी २०१०

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर मानते हैं कि इराक़ युद्ध से दुनिया पहले से ज़्यादा सुरक्षित बनी और उन्हें सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाने का कोई मलाल नहीं. उन्हें मौक़ा मिलता तो यह फ़ैसला एक बार नहीं बार बार करते.

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जांच आयोग के सामने पेश हुए ब्लेयरतस्वीर: picture-alliance/dpa

इराक़ युद्ध की जांच के लिए बने आयोग के सामने गवाही में ब्लेयर ने सद्दाम के बारे में कहा, "यह बात हमें मान लेनी चाहिए कि वह ख़तरा था. अगर हम यह क़दम नहीं उठाते तो तब तेल के दाम प्रति बैरल 25 डॉलर की बजाय 100 डॉलर हो जाते."

ब्लेयर पर आरोप है कि उन्होंने बिना जाने बूझे 2003 में इराक़ पर हमले में पूर्व अमेरिकी जॉर्ज बुश का साथ दिया. लेकिन ब्लेयर का कहना है कि उन्होंने इराक़ के पास मौजूद व्यापक विनाश के हथियारों को देखते हुए वह इस लड़ाई में शामिल हुए. उनके मुताबिक़, "सद्दाम की बर्बर और दमनकारी सरकार जब अपने ही लोगों के ख़िलाफ़ व्यापक विनाश के हथियारों का इस्तेमाल कर सकती थी, तो वह स्पष्ट ख़तरा थी."

वैसे जिन हथियारों को आधार बनाकर इराक़ पर हमला किया गया, वह अब तक नहीं मिले हैं. ब्लेयर कहते हैं कि उस वक़्त ब्रिटेन समेत कई देशों को लगता था कि इराक़ के पास ऐसे हथियार हैं और अमेरिका पर 11 सितंबर के आतंकवदी हमले के बाद यह ख़तरा बहुत बढ़ गया कि सद्दाम सरकार ये हथियार आतंकवादी गुटों को दे सकती है. ब्लेयर कहते हैं, "अगर वे न्यूयॉर्क में उन तीन हज़ार लोगों से ज़्यादा को मार पाते, तो मारते. इसके बाद मेरी सोच थी कि आप इस मामले पर बिल्कुल भी जोखिम नहीं उठा सकते हैं."

ब्लेयर जब इस सुनवाई के लिए पहुंचे तो बाहर सैकड़ों लोग जमा थे जो हाथों में "ब्लेयर एक अपराधी" के पोस्टर लिए खड़े थे और उनके ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे. 2007 में इराक़ी शहर बसरा में हुए धमाके में अपने बेटे को खोने वाली एक महिला का कहना है कि ब्लेयर अपनी ग़लतियों को नहीं स्वीकार रहे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां ए कुमार

संपादनः एम गोपालकृष्णन