सबसे लंबी मारक क्षमता वाली मिसाइलें
कई देश एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में वार करने वाली मिसाइल बनाना चाहते हैं. एक नजर सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों पर.
R-36M (16,000 किलोमीटर)
रूस की R-36M दुनिया की सबसे लंबी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है. 8.8 टन वजन वाली यह सबसे भारी मिसाइल भी है. एक से छह मॉडलों वाली इस मिसाइल की क्रूजिंग स्पीड 28,440 किलोमीटर प्रति घंटा है.
डॉन्गफेंग 5A, B (13,000 किमी)
चीन की इस इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल को नाटो CSS-4 भी कहता है. इस मिसाइल की जद में अमेरिका भी आता है. मिसाइल छह रि-एंट्री व्हिकल भी ढो सकती है.
R-29RMU सिनेवा (11,547 किमी)
यह रूस की तीसरी पीढ़ी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से भी लॉन्च किया जा सकता है. 2007 में सेना में शामिल यह मिसाइल 2030 तक इस्तेमाल की जा सकेगी. इसे बेहद सटीक मिसाइल भी माना जाता है.
UGM-133 ट्राइटेंड (11,300 किमी)
UGM-133 ट्राइटेंड अमेरिकी मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से छोड़ा जाता है. माना जाता है कि ये मिसाइलें 2042 तक सैन्य सेवा में रहेंगी. यह एक साथ आठ परमाणु बम ले जा सकती है. यह मिसाइल करीब 21,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है.
डॉन्गफेंग 31A (11,200 किमी)
1,000 किलोग्राम वजनी थर्मल न्यूक्लियर बम को ढोने वाली यह चीनी मिसाइल 2006 में सेना में शामिल की गई. पनडुब्बी से लॉन्च करने के लिए इसे एक वर्जन जुलांग-2 भी बनाया गया.
RT-2UTTKh टोपोल-M, (11,000 किमी)
यह रूसी मिसाइल टोपोल आईसीबीएम की एडवांस वर्जन है. यह बैलेस्टिक मिसाइल परमाणु विकिरण और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स के दौरान भी काम कर सकती है. इसकी अधिकतम क्रूजिंग स्पीड 26.280 किलोमीटर प्रति घंटे बताई जाती है.
मिनटमैन-3 (10,000 किमी)
यह मिसाइल जून 1970 से अमेरिकी सेना में शामिल है. एक साथ कई हथियार ले जाने और फिर से धरती की कक्षा में दाखिल होने की क्षमता वाली यह दुनिया की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल है. इसकी क्रूजिंग स्पीड 24,140 किमी प्रति घंटा बतायी जाती है.
M51 ICBM, (10,000 किमी)
2010 में फ्रांसीसी सेना में शामिल की गई यह मिसाइल पनडुब्बी से छोड़ी जाती है. यह भी धरती की कक्षा में वापस लौटकर छह अलग अलग जगहों पर हमला कर सकती है.
UR-100N (10,000 किमी)
रूस की यह मिसाइल बहुत ही पुरानी है. तत्कालीन सोवियत संघ ने यह मिसाइल शीतयुद्ध के दौरान 1975 में सेना में शामिल की. इसकी भार ढोने की क्षमता बहुत ज्यादा है.
RSM-56 बुलावा (10,000 किलोमीटर)
रूसी नौसेना ने इस मिसाइल को परमाणु पनडुब्बी पर तैनात किया है. यह मिसाइल 500 मीटर दूर हुए परमाणु हमले में भी सुरक्षित रह सकती है.