सरहद पर टेनिस चाहते हैं बोपाना और कुरैशी
९ सितम्बर २०१०सेमीफाइनल का मैच अर्जेंटीना की जोड़ी से 7-6, 6-4 से जीतने के बाद भारत के रोहन बोपाना ने कहा, "हम जानते हैं कि इस संदेश को आगे बढ़ाने के लिए बड़े मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन जरूरी है. यह हमारे लिए एक बड़ा कदम है. उम्मीद की जा सकती है कि हमारे देश इस बात पर राजी हो जाएं कि हम सरहद पर टेनिस खेल सकें."
बोपाना और कुरैशी इस बात से बेहद खुश दिखे कि भारत और पाकिस्तान दोनों के संयुक्त राष्ट्र में दूत इस मैच को देखने पहुंचे. भारत के दूत हरप्रीत सूरी और पाकिस्तानी दूत अब्दुल्ला एच हारून ने जम कर तालियां बजाईं और भारत पाक जोड़ी की हौसला अफजाई की. दोनों खिलाड़ी पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम को जीतने के इतने करीब पहुंचे हैं. वह पहले खिताब से बस एक जीत दूर हैं.
इस मौके पर कुरैशी ने कहा, "अगर मैं और रोहन एक दूसरे के इतने पास आ सकते हैं तो मुझे नहीं लगता कि भारत और पाकिस्तान के लोग एक दूसरे के पास नहीं आ सकते हैं. हमने दोनों राजदूतों को साथ बैठे देखा. यह बेहद खुशी की बात है."
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने राजदूतों से क्या बात की, कुरैशी ने बताया कि दोनों फाइनल मैच में भी आने का वादा करके गए हैं. उन्होंने कहा, "मैं बहुत बहुत खुश हूं और गौरवांवित महसूस कर रहा हूं. मैं खुद को इंडो पाक एक्सप्रेस का हिस्सा महसूस कर रहा हूं. यह बहुत अच्छा है कि हमें जीत मिल रही है और हम किसी न किसी तरह दोनों मुल्कों के लोगों को करीब लाने में मदद कर रहे हैं."
बोपाना को इस बात की खुशी है कि सीमा के दोनों पार पाकिस्तानी खिलाड़ी के साथ उनकी जोड़ी की तारीफ हो रही है. बोपाना ने कहा, "हम किसी राजनीतिक हिस्से को नहीं देख रहे हैं. हम तो सिर्फ यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हम दो या तीन प्रतिशत लोगों को भी प्रभावित कर सकते हैं. अगर हम दोनों मिल कर ऐसा कर सकते हैं तो दूसरे लोग क्यों नहीं."
यूएस ओपन के पुरुष डबल्स का फाइनल शुक्रवार को खेला जाएगा. 16वीं वरीयता प्राप्त रोहन बोपाना और कुरैशी की जोड़ी को पहली वरीयता प्राप्त अमेरिकी जोड़ी बॉब ब्रायन और माइक ब्रायन से भिड़ना है.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार