सस्ता नहीं होगा पेट्रोल और डीज़ल: मनमोहन
१ मार्च २०१०सऊदी अरब की यात्रा से लौट रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विशेष विमान पर संवाददाताओं से कहा, ''हमें भविष्य को लेकर लंबा रास्ता तय करना है. अगर हम घाटे वाली नीतियां अपनाते रहे तो हम लोगों को महंगाई से नहीं बचा पाएंगे.'' मनमोहन के बयान से साफ़ है कि सरकार पेट्रोल और डीज़ल को लेकर दी जा रही सब्सिडी का ज़्यादा बोझ उठाने को अब तैयार नहीं है.
ईंधन को महंगाई से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा इसका थोक मूल्य सूचकांक यानी होलसेल प्राइस इंडेक्स पर इसका ज़्यादा असर नहीं पड़ेगा. उनके मुताबिक पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें बढ़ने से सूचकांक में सिर्फ़ 0.4 फ़ीसदी का उछाल आएगा. महंगाई कम होने की उम्मीद जताते हुए मनमोहन ने कहा, ''रबी की फ़सल बाज़ार में आने से महंगाई की चिताएं कुछ कम हो सकती है.''
सरकार का कहना है कि भारत 80 फ़ीसदी कच्चा तेल आयात करता है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल है. अंतरराष्ट्रीय क़ीमत की वजह से सरकारी तेल कंपनियों को भारी नुक़सान हो रहा है.
इसके चलते भारत में बीते हफ़्ते ही पेट्रोल और डीज़ल ढाई रुपये प्रति लीटर से ज़्यादा महंगा किया गया है. सरकार ने बजट में पेट्रोलियम पदार्थों पर इंपोर्ट ड्यूटी और एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा दी, जिसके बाद क़ीमतें बढ़ गईं. विपक्ष के अलावा सरकार के ही कुछ घटक दल तेल की कीमतें कम करने की मांग कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस की नेता और रेल मंत्री ममता बनर्जी इस बाबत पीएम और सोनिया गांधी को ख़त भी लिख चुकी हैं. डीएमके भी सरकार के कदम से सहमत नहीं है. उधर विपक्षी दलों का कहना है कि पेट्रोल और डीज़ल महंगा होने से महंगाई और बढ़ेगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल