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सहवाग से कोई मुक़ाबला नहीं: गंभीर

२ जनवरी २०१०

भारत के सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर का कहना है कि वह अपने साथी वीरेंद्र सहवाग से कोई मुक़ाबला नहीं करते क्योंकि वह ऐसी चुनौती नहीं ले सकते, जो वह पूरी न कर सकें. गंभीर ने कहा कि वह वीरू के प्रभाव में बह जाने से बचते हैं.

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मेरा स्टाइल अलग हैतस्वीर: AP

विकेट के एक छोर पर ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी हो रही हो तो दूसरे छोर पर धीरज के साथ बने रहना मुश्किल है. लेकिन गौतम गंभीर का कहना है कि उन्होंने यह सीख लिया है और कभी भी सहवाग से मुक़ाबले की कोशिश नहीं करते.

बांग्लादेश में शुरू हो रहे तीन देशों की वनडे सीरीज़ से पहले गंभीर ने कहा, "मैं अपनी तरह का बना रहना चाहता हूं. मुझे पता है कि मेरी क्या शक्ति है और मैं उसी हिसाब से खेलने की कोशिश करता हूं. मैं यह नहीं सोचता कि दूसरे छोर पर सहवाग क्या कर रहे हैं. मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता, जो मैं कर ही नहीं सकता. आपको ऐसी चुनौतियां नहीं लेनी चाहिए, जो आप पूरी न कर सकें."

Indiens Gautam Gambhir im Spiel gegen Neuseeland
तीसरे नंबर पर बैटिंग चुनौतीतस्वीर: AP

दुनिया के पहले नंबर के टेस्ट बल्लेबाज़ का कहना है, "मेरा अपना खेल है. मेरा अपना तरीक़ा है. मेरे साथ एक अच्छी चीज़ यह हुई कि मैंने अपने करियर की शुरुआत में ही अपना खेल समझ लिया है. मुझे अपनी ख़ूबियां पता हैं और मैं उसी हिसाब से खेलता हूं. मैं ऐसा ही करने की कोशिश करता हूं और इससे बाहर निकलने की कोशिश नहीं करता."

गौतम गंभीर ने हाल के दिनों में एक भरोसेमंद बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी पहचान स्थापित कर ली है. दिल्ली के ख़ब्बू बैट्समैन पारी की शुरुआत करते हैं लेकिन वनडे में उन्हें यह जगह सचिन तेंदुलकर के लिए ख़ाली करनी पड़ती है और वह वन डाउन आते हैं. गंभीर का कहना है कि इसमें भी उन्होंने एक मौक़ा ढूंढ निकाला है. गंभीर कहते हैं, "तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करना बेहद मुश्किल काम है. कई बार पहला विकेट जल्दी गिर जाता है. ऐसे में आपको क्रीज़ पर जाना होता है और विकेट भी संभालने होते हैं और रन भी जुटाने होते हैं."

दिल्ली के स्टाइलिश बल्लेबाज़ का कहना है कि जब आप ओपनिंग के लिए जाते हैं तो आपके पास सारी आज़ादी होती है. आप खुल कर अपने शॉट्स खेल सकते हैं क्योंकि दूसरे बल्लेबाज़ सहारा देने के लिए होते हैं. लेकिन तीसरे नंबर पर आपको अच्छी साझीदारी निभानी पड़ती है. आप गेंद भी नहीं बर्बाद कर सकते हैं, विकेट भी नहीं गंवा सकते हैं.

गौतम गंभीर ने कहा कि उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी में थोड़ा ठहराव लाने की कोशिश की है. वह कहते हैं, "पहले मैं बेहद आक्रामक हुआ करता था. लेकिन जब आप अपनी क़ाबिलियत से ज़्यादा आक्रामक होते हैं, तो आपका विकेट गिर जाता है. आप 30-40 रन तो जल्दी से बना सकते हैं लेकिन इसके बाद आप वो रन नहीं बढ़ा सकते, जो वाक़ई में अहमियत रखते हैं."

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल