साइबर हमले की संभावना से किसी तरह डरा हुआ नहीं: काउडर
२५ जनवरी २०१७अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने से पहले साइबर हमले और रूसी हस्तक्षेप के आरोप चर्चा में हैं. सीडीयू नेता फोल्कर काउडर का कहना है कि साइबर हमले की संभावना से वह डरे हुए नहीं हैं.
इस साल जर्मनी में कई चुनाव होने वाले हैं. आप कितने चिंतित हैं कि रूस साइबर हमलों के जरिये चुनावों को प्रभावित कर सकता है?
फोल्कर काउडर: हमने अतीत में संसद और जर्मन सरकार पर हमले देखे हैं, इसलिए इस तरह के हमलों से इंकार नहीं किया जा सकता. लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं.
2015 मे बुंडेसटाग पर हुए साइबर हमले के बाद कौन से कदम उठाए गए थे?
हम इस तरह के हमलों को रोक नहीं सकते, लेकिन सुरक्षा के कदमों को बेहतर बना सकते हैं. खासकर हमें इस स्थिति में होना होगा कि हमले की रिपोर्टिंग होने पर हम फौरन कार्रवाई कर सकें. हमें साइबर स्पेस में अपनी उपस्थिति बढ़ानी होगी. मुझे पूरा विश्वास है कि अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन पर हुए हमलों जैसे हमले जर्मनी में अंगेला मैर्केल पर कतई संभव नहीं हैं.
आप अमेरिका की बात कर रहे हैं. वहां खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस ने चुनावों पर असर डालने की कोशिश की है. रूस इन आरोपों से इंकार कर रहा है. क्या इसके बारे में आप रूस के साथ बात कर रहे हैं?
बार बार कहा जाता है कि रूस ने चुनावों को प्रभावित किया है. मैं खुद इसकी पड़ताल नहीं कर सकता. लेकिन ये बात सच है कि कुछ खास खबरें खास समय में बाहर आईं. मजेदार बात यह भी है कि विकीलीक्स ने रूस से रिपोर्टिंग नहीं की है. जैसे कि वहां कुछ हो ही नहीं रहा हो. लेकिन मैं इस बात की ओर ध्यान दिलाना चाहूंगा कि अपने चुनाव प्रचार के दौरान हम मीडिया में भी बहस कर सकते हैं. इस तरह यदि वहां फर्जी खबर फैलाई जाती है तो हम उसका विरोध कर सकते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि यह एक नई बात है.
फर्जी खबरों को रोकने के लिए आप कौन से कदम उठा सकते हैं?
ये संभावना है कि फर्जी खबरों पर पब्लिक मीडिया या अखबारों में चर्चा हो और उसके जरिये उसे बहस का मुद्दा बना दिया जाए. मैं समझता हूं कि इस मामले में हम उतने बेबस नहीं हैं जितना कुछ लोग सोचते हैं. इसके अलावा हम नेट पर नजर रखेंगे. मैं किसी भी तरह से डरा हुआ या निराशावादी नहीं हूं.
सीडीयू सदस्य फोल्कर काउडर जर्मन संसद बुंडेसटाग में 2005 से पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं.
इंटरव्यू: अमृता चीमा