सिटी बैंक कार्ड के डेटा हैकरों ने चुराए
९ जून २०११मई महीने में हुई नियमित निगरानी के दौरान यह मामला सामने आया. बैंक ने बताया कि उपभोक्ताओं के नाम, ईमेल एड्रेस और अकाउंट नंबर हैकरों ने नोट किए हैं. हालांकि बैंक ने यह भी कहा कि जन्म तारीख, सोशल सिक्यूरिटी नंबर, कार्ड खत्म होने की तारीख, कार्ड सिक्यूरिटी कोड (सीवीवी) की चोरी नहीं की गई है.
ग्रुप के प्रवक्ता सीन केवेलिगन ने कहा, "हम उन ग्राहकों से संपर्क कर रहे हैं जिनकी जानकारी चुराई गई है. सिटी ग्रुप ने इस तरह की घटना को रोकने के लिए व्यापक उपाय अमल में लाए हैं."
इस साइबर हमले के साथ सिटीग्रुप भी उन कंपनियों में शामिल हो गया है जिनकी सुरक्षा प्रणाली को तोड़ते हुए हैकरों ने हाई प्रोफाइल कंपनियों के कंप्यूटरों में सेंध लगाई.
डेटा स्टोर करने वाली कंपनी ईएमसी लिमिटेड ने लाखों इलेक्ट्रॉनिक चाबियां बदलने की पेशकश की क्योंकि हैकरों ने उनके आरएसए सिक्यूरिटी डिविजन से जानकारी इस्तेमाल की और हथियार आपूर्ति करने वाले और इनफर्मेशन टेकनॉलॉजी प्रोवाइडर लॉकहीड मार्टिन के नेटवर्क में घुस गए.
सोनी भी हाल के ही दिनों में हमलों का शिकार हुआ. पहले तो हैकरों ने उसके ऑनलाइन प्ले स्टेशन सर्विस से 7 करोड़ 70 लाख ग्राहकों की जानकारी चुराई. इसके बाद गूगल कंपनी ने जीमेल अकाउंट पर ई हमले की साजिश का पर्दाफाश किया. इसके तहत अमेरिकी अधिकारियों के अकाउंट भी निशाने पर थे. गूगल ने कहा कि यह हैकिंग चीन से हो रही थी.
वॉशिंगटन ने तेजी से ढूंढा कि क्या गूगल के जीमेल में सेंध लगने के कारण सरकारी जानकारी चोरी तो नहीं हुई.
इधर सिटी ने कहा है कि उसे जांच के दौरान सिटी के ऑनलाइन अकाउंट पर अनाधिकृत एक्सेस का पता चला. सिटी ग्रुप ग्लोबल एंटरप्राइज के भुगतान प्रमुख और बैंक क्रेडिट कार्ड यूनिट के प्रमुख रहे पॉल गेलेंट ने अप्रैल में कहा था कि सुरक्षा में सेंध आज की वित्तीय संस्थाओं के लिए एक कड़वा सच है. रॉयटर्स के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "सुरक्षा में सेंध लगती है और ऐसा होता रहेगा. बैंकिग उद्योग का काम होना चाहिए कि ग्राहकों की जानकारी सुरक्षित रखे और उन्हें वित्तीय लेन देन और भुगतान में सुरक्षा का एहसास दिलाए."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए जमाल