सिर्फ 38 रन से शतक से चूके मुकुंद निराश
९ जुलाई २०११अभिनव मुकुंद ने संयम भरी पारी खेलते हुए टीम के लिए मजबूत नींव डाली लेकिन शतक से कुछ फासले पर रह जाने के चलते वह हताश भी हैं, "मैं वाकई निराश हूं. सुबह गेंद स्विंग कर रही थी और पारी जमाने में मैंने पूरी मेहनत की. पिच पर जमे रहने का प्रयास करने के बावजूद मैं ऐसी गेंद पर आउट हुआ जिस पर मुझे नहीं होना चाहिए था."
स्पिनर देवेंद्र बिशू की गेंद पर मुकुंद ने शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन गेंद ने उनके बल्ले का किनारा लिया और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर ने उनका कैच पकड़ लिया. वेस्ट इंडीज पहली पारी में 204 रन पर ही सिमट गया जिसके बाद भारत ने तगड़ा जवाब देते हुए छह विकेट खोकर 308 रन बना लिए हैं. भारत के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 65 रन, अभिनव मुकुंद ने 62 रन और सुरेश रैना ने 50 रन का योगदान दिया.
मुकुंद का कहना है कि पहले दो टेस्ट जिन पिचों पर खेले गए उनमें काफी उछाल था लेकिन डोमिनिका की पिच भारतीय विकेट जैसा ही बर्ताव कर रही है. लेकिन फिर भी फ्रंट फुट पर खेलने में काफी कोशिश करनी पड़ती है. मुकुंद के मुताबिक कुछ देर पिच पर टिके रहने के बाद उनमें विश्वास आया और उन्होंने आगे बढ़कर खेलना शुरू किया. हालांकि मुकुंद ने उठती हुई गेंदों का अच्छे से सामना किया और बैकफुट पर भी बढ़िया खेल दिखाया.
अभिनव मुकुंद ने इस टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उनके दोस्त और साथी सलामी बल्लेबाज मुरली विजय के लिए यह सीरीज खास नहीं रही है. वह फिर बढ़िया पारी खेलने में नाकाम रहे और सिर्फ एक रन पर आउट हो गए. मुकुंद ने कहा, "यह देखकर निराशा होती है कि विजय को संघर्ष करना पड़ रहा है. हम मैदान से बाहर अच्छे दोस्त हैं और खराब प्रदर्शन का असर वह खुद पर नहीं होने देते. क्रिकेटरों की जिंदगी में कितना उतार चढ़ाव आता है यह देखकर हैरानी होती है." मुकुंद को उम्मीद है कि भारत मजबूत स्थिति में होने का फायदा उठाएगा और वेस्ट इंडीज के खिलाफ तीसरा टेस्ट और सीरीज जीतेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल