सीरिया में "आतंकवादियों" के मददगारों को मौत की सजा
२० दिसम्बर २०११सीरिया के मानवाधिकार संगठन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक सेना के 60 भगोड़ों को मार दिया गया जबकि विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे लोगों में से 40 लोग मारे गए. ब्रिटेन के ऑब्जरवेटरी के मुताबिक सोमवार को सैनिकों और विरोधियों के बीच झड़प में तीन सैनिकों की जान गई लेकिन सरकारी समाचार एजेंसी एसएएनए का कहना है कि सुरक्षाकर्मियों ने उसी इलाके में एक झड़प में एक "आतंकवादी" भी मारा गया है. इस बीच राष्ट्रपति बशर अल असद ने एक नए कानून पर दस्तखत करते हुए कहा कि जो व्यक्ति "आतंकवादियों" की हथियारों से मदद करेगा, उसे मौत की सजा सुनाई जाएगी.
अरब लीग के देश अब देख रहे हैं कि क्या सीरिया की सरकार शांति समझौते का पालन करती है या नहीं. सीरिया की सरकार ने अरब लीग को इसके लिए पर्यवेक्षक भेजने की इजाजत दी है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पिछले नौ महीनों से हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 5,000 लोग मारे जा चुके हैं. वहीं सीरिया की सरकार कहती है कि 1,100 सुरक्षाकर्मी भी विदेशी ताकतों के सहयोग वाले "आतंकवादी" गुटों की हिंसा का शिकार बने हैं.
अरब लीग ने सीरिया पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं और मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तक ले जाने की धमकी दे रहा है. लीग के कार्यकारी प्रमुख के मुताबिक, "विदेशी पर्यवेक्षकों पर सीरिया की सहमति के बाद भी वित्तीय प्रतिबंधों को हटाया नहीं जाएगा और पर्यवेक्षक पहले तय करेंगे कि क्या सीरियाई सरकार लीग के साथ समझौते का पालन कर रही है या नहीं." सीरिया की सरकार ने शुरुआत में विदेशी पर्यवेक्षकों वाली शर्त से मना कर दिया था.
अरब लीग के पर्यवेक्षक उन शहरों में जाएंगे जहां विरोध प्रदर्शन हुए हैं. समझौते में यह भी तय किया गया है कि राजनीतिक कैदियों को आजाद किया जाएगा और विपक्षी गुटों से बातचीत होगी.
हालांकि सीरिया में विपक्ष के नेताओं ने समझौते को राष्ट्रपति बशर अल असद की साजिश कहा है और विदेशी हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं सीरिया की सरकार का कहना है कि समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रूस ने उस पर दबाव डाला. रूस हां हथियार निर्यात करता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी सीरिया पर दबाव डालते हुए देश पर प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा, लेकिन रूस और चीन ने देश के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने के फैसले का विरोध किया.
रिपोर्टः डीपीए,एएफपी/एमजी
संपादनः ए जमाल