सोनिया को समाझाने की कोशिश करेंगे अन्ना
३० जून २०११बुधवार को संपादकों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्हें लोकपाल के दायरे में आने से कोई परेशानी नहीं है लेकिन कुछ कैबिनेट मंत्रियों की राय उनसे अलग है. अन्ना हजारे के नेतृत्व वाली सिविल सोसाइटी टीम की दलील रही है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए. अब प्रधानमंत्री के ताजा बयान ने उन्हें नया हथियार दे दिया है और इसी वजह से वे सोनिया गांधी से इस मुद्दे पर बात करना चाहते हैं.
अन्ना हजारे के सहयोगियों का कहना है कि प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल के मुद्दे पर वैसे ही संकल्प का परिचय देना चाहिए जैसे उन्होंने भारत अमेरिका परमाणु करार के मुद्दे पर दिखाया. हजारे ने कहा है कि वह गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और लोकपाल बिल के मुद्दे पर अपने रुख से उन्हें अवगत कराएंगे.
''हम सभी पार्टियों से मिलेंगे. हम सोनिया गांधी से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि अगर प्रधानमंत्री को कोई परेशानी नहीं है तो फिर मुश्किल कहां है.'' अन्ना हजारे के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक ईमानदार व्यक्ति हैं. ''यूनियन कैबिनेट भारत का है. कैबिनेट में शामिल लोग भारतीय हैं. तब फैसला लेने में मुश्किल क्या है. देश के लिए उन्हें निर्णय ले लेना चाहिए.''
लोकपाल बिल के लिए मुहिम चला रहीं किरण बेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री को अपनी आत्मा की आवाज सुननी चाहिए और ठीक वैसे ही रुख अपनाना चाहिए जैसा उन्होंने परमाणु करार पर बहस के दौरान अपनाया. मनमोहन सिंह ने कहा है कि वह सिविल सोसाइटी की बात को सुनने का प्रयास करेंगे लेकिन कोई भी संगठन सरकार पर अपनी बात मनाने का दबाव नहीं डाल सकता. इस पर बेदी ने कहा कि वह खुली बहस के पक्ष में हैं और इसीलिए सरकार के साथ बातचीत की हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह