स्टाइल जरूरी, पर सेहत न भूलें
२६ जुलाई २०१०इटली में एक खास इवेंट सीरीज के जरिए यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि 42 वीयरिंग साइज की महिलाएं भी खूबसूरत दिख सकती है. इस साइज में 60 से 64 किलोग्राम की महिलाओं को रखा जा सकता है. पांच फुट सात इंच से पांच फुट नौ इंच के कद के साथ कोई महिला बेशक 42 साइज में भी बेहद खूबसूरत दिखेगी. वैसे इटली का साइज 42 अमेरिका में साइज 8, ब्रिटेन में साइज 10, ऑस्ट्रेलिया में साइज 12, जर्मनी में साइज 36 और फ्रांस में साइज 38 होता है.
सेहत से समझौता नहीं
इटली की महिलाएं दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर हैं. तभी तो जब 50 इटैलियन महिलाएं जब रोम के स्पैनिश स्टेप्स पर काले स्विमसूट में एक साथ फोटो खिंचाती हैं, तो सब का ध्यान उनकी तरफ जाता है. ये सभी सुंदर और स्वस्थ महिलाएं प्रोफेशनल मॉडल नहीं हैं. सभी में एक बात और समान है वो यह कि सभी का वीयर साइज 42 है.
इन्हीं में से एक का कहना है, "मेरा नाम ज़ियोर्जियो वीएरो है. मैं 24 साल की हूं और रोम में ही रहती हूं. अपनी दोस्तों के साथ यहां मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे जिंदगी से प्यार है. मुझे खाना बहुत पसंद है जो बहुत जरूरी है. स्टाइलिस्ट लोग शायद कुछ और सोचते हों क्योंकि महिलाओं को लेकर उनकी सोच जरा अलग होती है. मेरे हिसाब से तो जो महिला अपनी मर्जी से कुछ भी खा सके, वही खुश और सेहतमंद महिला है."
ये महिलाएं एक ऐसे ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले रही हैं, जिसमें सिर्फ साइज 42 वाली लड़कियां ही आ सकती हैं. यह कॉन्टेस्ट हैल्दी फॉर लाइफ नाम से हो रही खास इवेंट सीरीज का हिस्सा है. इस मुहिम का मकसद दुबले पतले दिखने के चक्कर में कम खाना खाने की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में लोगों को बताना है.
साइज 42 पर गर्व
इन महिलाओं के साथ स्पैनिश स्टेप्स पर इटली की टेनिस खिलाड़ी मारा सांतानगेलो भी मौजूद थी जिन्हें अपने साइज 42 होने पर गर्व है. वह कहती हैं, "यह एक बहुत जरूरी संदेश है जो हमें युवा लोगों को देना चाहिए. बेशक पतले होने से सुंदरता बढ़ती है, लेकिन इतना पतला होने में भी कोई समझदारी नहीं है कि आपको एनोरेक्सिया और बुलिमिया जैसी बीमारियां होने लगे. इसलिए हम मिलकर यह बात सबको बताना चाहते हैं. साइज 42 भी पतला है, लेकिन इतना नहीं कि इससे आपकी सेहत और फिटनेस को लेकर समस्याएं पैदा हों.
मारा ने अपनी टेनिस की ड्रेस नहीं बल्कि मशहूर डिजाइनर रफाएला कुरिएल के डिजाइन किए कपड़े पहने हैं. कुरिएल ने कई फिल्म स्टार और अमेरिका में राष्ट्रपति की पत्नियों के लिए कपड़े डिजाइन किए हैं. वह कहती हैं, "एनोरेक्सिया खतरनाक मानसिक स्थिति है. मैंने लड़कियों को मरते देखा है. मैंने ऐसी लड़कियां देखी हैं जिनके बच्चे नहीं होते. सचमुच यह बहुत खतरनाक है." एक खास मुहिम तक यह तो बात बिल्कुल सही है. लेकिन क्या कभी ये साइज 42 की मॉडल्स रैंप पर चलती नजर आएंगी, इस बारे में कुरिएल का कहना है, "आम महिलाओं को भी रैंप पर जगह मिलनी चाहिए. बेशक उन्हें सुंदर दिखना होगा. इसके लिए एक निश्चित कद की जरूरत होती है क्योंकि खरीदार एक निश्चित पहचान चाहते हैं. लेकिन मैंने कई लोगों को कहते सुना है कि हां, वह लंबी है, सुंदर है. लेकिन मेरे लिए तो यह ड्रेन पहनना मुमकिन नहीं है. दरअसल फैशन प्रोफेशनल होने का यह भी मतलब है कि आप जो कपड़े पेश कर रहे हैं उन्हें एक आम महिला भी पहन सके."
फैशन में स्पोर्ट्स
फैशन इंडस्ट्री के लिए मॉडल्स की स्वस्थ इमेज पेश करने का एक अच्छा तरीका यह भी हो सकता है कि वे खिलाड़ियों को अपनी मुहिम का हिस्सा बनाएं. लॉरा बियाजोत्ती ग्रुप उन पहले ब्रैंड्स में हैं जिसने ओलंपिक चैंपियनों को पहली बार कैटवॉक पर पेश किया. लविनिया बियाजोत्ती सिगना इस ब्रैंड की वाइस प्रेजिडेंट हैं और इटली की राष्ट्रीय फैशन काउंसिल ने उन्हें हाल ही में सम्मानित भी किया है. वह मानती हैं कि खेल और फैशन नौजवान लोगों के लिए एक सकारात्मक छवि पेश कर सकते हैं.
वैसे वह कहती हैं कि हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए मॉडल्स प्रोफेशनल होते हैं और अपनी ड्रेस साइज के आधार पर कोई भी मॉडल नहीं बन सकता. तो फिर वह कब ऐसा कलेक्शन पेश करेंगी जिसकी कैटवॉक के लिए दुबली पतली मॉडल्स की जरूरत नहीं होगी, वह कहती हैं, "जब भी मैं कोई कलेक्शन डिजाइन करती हूं तो वह आम महिलाओं के लिए ही होता है. फिर उनमें से कुछ ड्रेस चुनकर उन्हें केटवॉक पर पेश करती हूं."
फैशन इंडस्ट्री के तो खैर अपने ही पैमाने होते हैं. लेकिन दुबली पतली मॉडल्स के बारे में आम लोग क्या सोचते हैं. रोम की विया कोन्डोत्ती स्ट्रीट पर शॉपिंग कर रही स्टेफानिया कहती हैं, "सुंदरता महिला या फिर व्यक्ति के अंदर होती है. इसीलिए कैटवॉक में ऐसे लोग आने चाहिए जो आम इंसान हों. मतलब उनकी कद 180 सेंटीमीटर से ज्यादा न हो. मैं तो इससे भी कम कहूंगी. उत्तरी इटली के हिसाब से तो यह कद 170 सेंटीमीटर ही होना चाहिए. है ना."
खैर इन दिनों तो मॉडल्स के वज़न को लेकर ही चर्चा गर्म है. क्या पता आने वाले समय में छोटे कद के लोगों को भी रैंप पर लाने की बात उठे.
रिपोर्टः डीडब्ल्यू/ए कुमार
संपादनः एस गौड़