स्तन कैंसर में कितने काम का जीन टेस्ट
१५ मई २०१३अभिनेत्री एजेंलिना जोली की मां मार्केलाइन बेर्टैंड की मौत 58 साल की उम्र में अंडाशय के कैंसर से हुई थी. उनके कैंसर का कारण बीआरसीए1 जीन में गड़बड़ी था. यही खराब जीन एंजेलीना जोली में भी पाया गया है. उनके डॉक्टरों के अनुसार उन्हें स्तन कैंसर होने की 87 फीसदी आशंका है और अंडाशय का कैंसर होने का रिस्क 50 प्रतिशत.
जैसा कहते हैं कि जान है तो जहान है, इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने स्तन हटवाने का फैसला कर ऑपरेश करवा लिया. आगे वह ओवरी भी निकलवा देंगी ताकि इससे जुड़े कैंसर का खतरा भी खत्म हो जाए.
मुख्य ऑपरेशन 16 फरवरी को हुआ और उन्होंने लिखा कि दो दिन बाद अच्छी खबर मिली कि स्तन की सभी कोषिकाएं स्वस्थ हैं. अब अंतिम ऑपरेशन 27 अप्रैल को किया गया जिसमें ब्रेस्ट इम्प्लांटेशन किया गया.
सिर्फ बीआरसीए1 की म्यूटेशन दर महिलाओं में वैसे भी कम है. लेकिन इस जीन का टेस्ट अमेरिका में करना बहुत महंगा है.
हालांकि जीन स्क्रीनिंग उपलब्ध होने के बाद कई महिलाओं ने बचाव के लिए मैस्टेक्टोमी का सहारा लिया है. लेकिन एक अभिनेत्री जो दुनिया भर में अपनी खूबसूरती और स्त्रीत्व के लिए जानी जाती हैं, उनका खुले आम इस मुद्दे पर बात करना अहम है.
एंजेलीना जोली के फैसले पर बात करते हुए सीएनएन की एंकर जोराइदा सैंबोलिन ने भी बताया कि वह भी स्तन कैंसर से पीड़ित हैं और डबल मैस्टेक्टोमी का फैसला कर चुकी हैं.
कैसे होते हैं म्यूटेशन
म्यूटेशन यानी जीन में गड़बड़ी सामान्य तौर पर आनुवांशिक होती है और बेटे बेटियों के शरीर में भी यह गड़बड़ी पहुंचती रहती है. इसमें कोई भेदभाव नहीं होता चाहे वह बच्चा लड़का हो या लड़की, उसमें यह खराब जीन जाने के 50 प्रतिशत चांसेस हैं. इसलिए बीआरसीए जीन म्यूटेशन अपने शरीर में लिए घूमने वालों में पुरुष भी हैं. और ऐसे पुरुषों में भी जेनेटिक गड़बड़ी के कारण स्तन कैंसर हो सकता है. हालांकि बीआरसीए जीन के म्यूटेशन दूसरे कैंसर भी पैदा कर सकते हैं जैसे, आंत, अग्न्याशय या प्रोसेट्ट कैंसर.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक अगर महिलाओं का मासिक धर्म बहुत जल्दी शुरू होता है और मीनोपॉज देर से होता है, या पहला बच्चा देर से हुआ हो तो ये कुछ ऐसे कारण हैं जो स्तन कैंसर की वजह बन सकते हैं. गर्भ निरोधक गोलियां या हारमोन थैरेपी के कारण भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जबकि बच्चे को स्तनपान कराना बचाव का कारण बनता है.
जीनटेस्टिंग से सूचना
कई बीमारियों के लिए जीन टेस्टिंग अहम भूमिका निभाती है, लेकिन इलाज फिर भी नहीं हो पाता. हालांकि स्तन कैंसर के मामले में परीक्षण ही बचाव का मुख्य तरीका है. अभी भी ऐसी कोई चिकित्सा पद्धति नहीं है जिसमें जीन का अध्ययन कर भविष्य में होने वाली बीमारियों के बारे में बता दिया जाए. बहुत कम बीमारियां ऐसी हैं जिनमें जीन परीक्षण 100 फीसदी सही नतीजे देता हो. प्रोस्टेट कैंसर के मामले में 70 म्यूटेशन्स की जानकारी है जो इस कैंसर का कारण बन सकते हैं. दूसरी बीमारियों में भी वैज्ञानिकों ने आनुवांशिक कारण ढूंढे हैं लेकिन वे यह नहीं बता सकते कि किसी को दिल का दौरा कब पड़ सकता है.
कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि दिल के दौरे से लेकर कई तरह के कैंसर में का आनुवांशिक कारण पहेली है, क्योंकि हर बीमारी में जीवन शैली एक अहम भूमिका निभाती है. सबसे अच्छे जीन्स वाले लोगों का जीवन भी अगर तनाव और खराब स्वास्थ्य शैली बीमारी और खासकर दिल के दौरे का कारण बन सकती है.
रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी,एपी,डीपीए)
संपादनः ईशा भाटिया