स्पेन और हॉलैंड से घबरा रहे हैं जर्मन कोच
३१ अक्टूबर २०११फीफा वर्ल्ड कप के बाद यूरोपियन चैंपियशिप को फुटबॉल का सबसे बड़ा मुकाबला माना जाता है. यूरोपियन चैंपियनशिप हर चार साल पर होती है. 2008 में यह चैंपियनशिप स्पेन ने जर्मनी को 1-0 से हराकर जीती थी. अब तैयारी 2012 में पोलैंड और यूक्रेन में होने वाली यूरोपियन चैंपियनशिप की है. जर्मनी ने बीते 16 साल से यह प्रतिष्ठित मुकाबला नहीं जीता है. आखिरी बार 1996 में इंग्लैंड में जर्मनी ने यूरोपियन चैंपियनशिप जीती थी.
टीम अच्छी है लेकिन कोच जोआखिम लोएव कहते हैं कि जर्मनी की राह में दो बड़े कांटे हैं, पहला कांटा स्पेन और दूसरा नीदरलैंड्स (हॉलैंड). क्वालिफाइंग राउंड में जर्मन टीम अब तक एक भी मैच नहीं हारी है. जर्मनी ने अपने सभी 10 क्वालिफाइंग मैच जीते हैं. हालांकि लोएव कहते हैं कि एक जुलाई से होने वाले यूरो 2012 के फाइनल में जर्मनी खिताब के प्रबल दावेदार की तरह उतरेगा.
टीम चुनने को लेकर कोच के मन में किसी तरह का असमंजस नहीं है. लोएव का कहना है कि चुनाव आसानी से हो जाएगा. वह कहते हैं, "पहले इस बारे में मैंने काफी सोच विचार किया. एक-दो पोजिशंस को लेकर मैं आश्वस्त नहीं था. लेकिन हमें यूरो 2012 के लिए ऐसी कोई दिक्कत नहीं है."
माना जा रहा है कि मीरोस्लाव क्लोजे, थोमास मुइलर, बास्टियान श्वानस्टाइगर, लुकास पोडोल्स्की, मानुएल नौएर, फिलिप लाम, सामी खदीरा और मेसुत ओएजिल टीम का मजबूत आधार होंगे. मिडफील्ड में टोनी क्रूज को भी मौका मिल सकता है.
2010 में जर्मनी इंग्लैंड और अर्जेंटीना जैसी टीमों को बुरी तरह हराकर सेमीफाइनल तक पहुंचा था. सेमीफाइनल में जर्मन टीम स्पेन के हाथों एक गोल से हार गई. ब्राजील को हराने वाली हॉलैंड की टीम फाइनल में स्पेन से हार कर विश्व कप की उपविजेता बनी.
रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह
संपादन: महेश झा