स्पेन में फुटबॉल खिलाड़ियों की हड़ताल समाप्त
२६ अगस्त २०११स्पेनी खिलाड़ियों की पिछली हड़ताल 1984 में हुई थी. उसके बाद से फुटबॉल विश्व चैंपियन स्पेन के फुटबॉलरों की यह पहली हड़ताल थी और उसे कप जीतने वाले सारे हीरोज का समर्थन प्राप्त था. हड़ताल के कारण फर्स्ट और सेकंड डिवीजन लीग के शुरू होने पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. लेकिन समझौता हो जाने के बाद अब 20 अगस्त को शुरू होनेवाले लीग मैच समय पर शुरू हो सकेंगे. खिलाड़ियों और क्लबों के संगठन के साथ आठ लंबी बैठकों के बाद एक विशेष कोष के बारे में आश्वासन दिया गया जिससे सेकंड डिवीजन के उन खिलाड़ियों को वेतन दिया जाएगा जिनके खस्ताहाल क्लब उन्हें वेतन नहीं दे पा रहे हैं.
तन्ख्वाह की गारंटी
विरोध कर रहे खिलाड़ियों की सबसे प्रमुख मांग तनख्वाह की गारंटी ही थी. खिलाड़ियों के संगठन का आरोप है कि स्पेनी क्लबों ने पिछले साल सैकड़ों खिलाड़ियों को उनका मेहनताना नहीं दिया था. क्लबों के पास खिलाड़ियों का 5 करोड़ यूरो बकाया है. कुल मिलाकर लगभग 200 खिलाड़ी प्रभावित हैं.
अंतिम समझौते के बारे में अभी तक जानकारी बाहर नहीं आई है, लेकिन पिछली वार्ताओं में क्लबों के संगठन ने 4 करोड़ यूरो का कोष बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन खिलाड़ियों के संगठन ने इसे बहुत कम कहकर ठुकरा दिया था. रियाल मैड्रिड के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और गोलकीपर इकर कासियास ने खिलाड़ियों की एकजुटता पर जोर देते हुए साफ साफ कहा था, "सभी खिलाड़ी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं, मैं गारंटी दूंगा कि यह एकता का नाटक नहीं है."
खिलाड़ियों और क्लबों के बीच शांति समझौता हो जाने के बाद अब मैदान पर बॉल का नाच फिर शुरू हो जाएगा. रविवार को पहले मैच में रियाल की ओर से रोनाल्डो और जर्मनी के मेसुत ओएजिल तथा सामी खेदिरा मैदान पर उतरेंगे. सोमवार को टाइटलधारी बार्सिलोना अपने अंतरराष्ट्रीय सितारे मेस्सी के साथ वियारियाल का मुकाबला करेगा.
कर्ज में डूबे स्पेनी क्लब
स्पेन में क्लबों की आर्थिक हालत बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन क्लबों की वित्तीय स्थिति पर बहस कोई नई बात नहीं है. कई बार विश्व और यूरोप चैंपियन रहे स्पेन के फुटबॉल क्लब गंभीर संरचनात्मक मुश्किलें झेल रहे हैं. प्रीमियर लीग के क्लब बुरी तरह कर्ज में डूबे हैं. उनपर 4 अरब यूरो का कर्ज है. जबकि बार्सिलोना और रियाल जैसे बड़े क्लब टेलीविजन से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा डकार जाते हैं, छोटे क्लबों को उनका उचित हिस्सा नहीं मिल पाता.
प्रतियोगिता में स्थिति मजबूत करने के लिए अक्सर क्लब नामी और दामी खिलाड़ियों को खरीद लेते हैं लेकिन उतनी आमदनी नहीं कर पाते. कुछ क्लब तो खिलाड़ियों की खरीद बिक्री से भी कमाते हैं. क्लबों का वित्तीय प्रबंधन ठीक नहीं होने से उन्हें अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. जर्मनी के बुंडेसलीगा के क्लबों ने पिछले सालों में वित्तीय प्रबंधन पर गंभीरता से ध्यान दिया है और कमाई के नए साधन जुटाए हैं. इसके अलावा स्पेन के विपरीत टीवी से होने वाली आमदनी का क्लबों के बीच बंटवारा किया जाता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल