स्मार्ट सिटी तो ठीक है लेकिन हरियाली का क्या?
दुनिया भर में लोग गांवों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं. शहर अब मेगासिटी और स्मार्ट सिटी की शक्ल ले रहे हैं. लेकिन ऐसे कितने शहर हैं जहां लोगों के साथ साथ हरियाली भी बढ़ रही है?
थोड़ी हरियाली होती तो..
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार 2050 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी शहरों में रहेगी. लेकिन ऐसे कम ही शहर होंगे जहां कुदरत का आनंद भी लिया जा सकेगा. तुर्की का इस्तांबुल दुनिया का सबसे कम हरियाली वाला शहर है. यहां शहर के महज 2.2 फीसदी हिस्से में ही पार्क हैं.
चीन से सीख
भले ही चीन की राजधानी बीजिंग हर साल स्मॉग के कारण सुर्खियों में रहती हो लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि शहर का 45 फीसदी हिस्सा हरा भरा है. और सरकार इसे और बढ़ाने पर काम कर रही है. ऐसी ही योजना चीन के अन्य शहरों को ले कर भी है.
फायदा ही फायदा
पार्क होते हैं तो लोग घर से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित होते हैं. पार्क में बैठते हैं तो वहां आस पड़ोस के लोगों से मिलते हैं, उनसे बातचीत करते हैं. अच्छी सुविधाएं हो तो कसरत करने का भी मन करता है. और तो और हरियाली में बैठ कर पंछियों की आवाज सुनने से तनाव भी दूर होता है.
जिस हवा में सांस लेते हैं
पेड़ पौधे होंगे तो हवा को साफ भी रखेंगे. न्यूयॉर्क को अमूमन अपनी ऊंची इमारतों के लिए जाना जाता है लेकिन वहां का एक चौथाई हिस्सा हरा भरा है. इसके विपरीत जापान की राजधानी टोक्यो का सिर्फ 7.5 फीसदी हिस्से में ही हरियाली है.
गर्मी से राहत
पेड़ होंगे तो गर्मी से राहत भी देंगे. जिन शहरों में पेड़ों की कमी होती है वहां का तापमान अधिक होता है. इसे "अर्बन हीट आयलैंड इफैक्ट" भी कहा जाता है. अमेरिका के लॉस एंजेलेस के 35 प्रतिशत हिस्से में पार्क हैं, फिर भी यहां का तापमान आसपास के इलाकों से ज्यादा रहता है.
बाढ़ से राहत
2018 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में जिस तरह की बाढ़ देखी गई, जानकारों के अनुसार अगर वहां और पेड़ होते तो इससे बचा जा सकता है. यही कारण है कि अब पेरिस में 2020 तक 20,000 पेड़ लगाने की योजना है.
मेगासिटी की चिंता
जहां आबादी एक करोड़ से ज्यादा हो उस शहर को मेगासिटी कहा जाता है. एक जमाने में सिर्फ न्यूयॉर्क और टोक्यो ही इस श्रेणी में आते थे लेकिन अब संख्या बढ़ती ही जा रही है. सिटी प्लानरों को आधारभूत संरचनाओं के साथ साथ नागरिकों की सेहत के बारे में भी सोचना होगा.
हरी भरी दिल्ली?
दिल्ली जहां एक तरफ दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है, वहीं दूसरी तरफ यह देश का सबसे हरा भरा शहर भी है. दिल्ली का 20 फीसदी हिस्सा हरा भरा है लेकिन यह तय मानदंडों के 33 प्रतिशत से अब भी कम है. हालांकि सरकार और पेड़ लगाने पर काम कर रही है.