स्वर्णिम साइना को गोल्ड मेडल
१४ अक्टूबर २०१०इस साल सिलसिलेवार ढंग से बड़े खिताबों की झड़ी लगा देने वाली साइना ने दिल्ली में भी विजय रथ जारी रखा. महिलाओं के सिंग्लस मुकाबले में उन्होंने मलयेशिया की वोंग मेव चू को हराया. मैच में साइना जबरदस्त मानसिक दृढ़ता का भी नजारा पेश किया. पहले गेम 21-19 से हारने के बाद साइना ने जोरदार वापसी की. दूसरे गेम में एक एक प्वाइंट के लिए कड़ा संघर्ष हुआ और साइना 23-21 से जीती.
इसके बाद तो विश्व की नंबर दो खिलाड़ी ने चू को कोई मौका ही नहीं दिया. तीसरे गेम में उन्होंने सटासट शॉट लगाते हुए चू को 21-13 से परास्त कर दिया.जीत के बाद हैदराबाद की साइना ने कहा, ''मुझे छोटी छोटी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.''
वैसे मलयेशियाई खिलाड़ी ने भी अपने प्रदर्शन से लोगों का ध्यान आर्कषित किया. उन्होंने रैकेट के साथ साइना को आगे पीछे भागने पर खूब मजबूर किया. लेकिन जीत आखिरकार बढ़िया खेल दिखाने वाली सायना की ही हुई. साइना इस साल लगातार तीन बड़े खिताब जीत चुकी हैं. वर्ल्ड रैंकिंग में भी वह दूसरे स्थान पर हैं.
20 साल की साइना पहले ही कह चुकी थीं कि कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतना उनका सपना है. खेलों के समापन वाले दिन उन्होंने सपने की हकीकत भी बदल दिया. कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार