स्विट्जरलैंड सेना से रिटायर हो चुके टैंक जर्मनी को बेचेगा
२७ सितम्बर २०२३स्विट्जरलैंड की संसद ने 25 लेपर्ड टैंकों को उन्हें बनाने वाली कंपनी राइनमेटाल को बेचने का समर्थन किया है. इन टैंको को मरम्मत के बाद दूसरे यूरोपीय देशों को भेजा जाएगा. स्विट्जरलैंड की राष्ट्रीय परिषद पहले ही इस फैसले पर अपनी सहमति दे चुकी है. सरकार को अब टैंक बेचने की शर्तें और समय तय करना है.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद कई यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई दे रहे हैं. हालांकि स्विट्जरलैंड तटस्थता के अपने सिद्धांत पर बना हुआ है और उसने अपनी तरफ से कोई हथियार नहीं भेजा है.
स्विस वार मटीरियल एक्ट
स्विस वार मटीरियल एक्ट का मतलब है कि जंग में इस्तेमाल होने वाला कोई भी सामान किसी भी ऐसे देश को नहीं दिया जा सकता जो किसी तरह के सशस्त्र संघर्ष में शामिल हो. स्विट्जरलैंड का कहना है कि यह कानून हर देश पर लागू होता है भले ही उसकी स्थिति यूक्रेन जैसी ही क्यों ना हो, जिस पर हमला हुआ है और उसे अपनी रक्षा करनी है.
स्विट्जरलैंड की सरकार ने स्विस हथियार कंपनी आरयूएजी के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया जिसमें 96 लेपर्ड वन टैंकों को जर्मनी को बेचने की बात थी. ये टैंक स्विट्जरलैंड के स्टोर में मौजूद हैं. योजना थी की जर्मनी इनकी मरम्मत करने के बाद इन्हें यूक्रेन को दे देगा.
जर्मनी की सेना अब भी साजो सामान की कमी से जूझ रही है
जर्मनी का प्रस्ताव
स्विट्जरलैंड की सरकार के इनकार के बाद जर्मनी ने फरवरी में उन टैंकों को बेचने की बात कही जिन्हें सेना से रिटायर किया जा चुका है. जर्मनी ने राइनमेटाल को ये टैंक बेचने का प्रस्ताव दिया. इसके साथ ही जर्मनी ने यह वादा भी किया कि वह इन टैंकों को यूक्रेन नहीं भेजेगा. इनकी बजाय इन टैंकों को यूरोप के उन ठिकानों पर भेजा जाएगा जहां हथियारों की कमी है. यूक्रेन को हथियार की सप्लाई देने की वजह से कई और जगह उनकी कमी हो गई है.
स्विट्जरलैंड में जर्मनी के राजदूत मिषाएल फ्लुगर ने संसद के फैसले पर खुशी जताई है. उनका कहना है कि जर्मनी, "इस फैसले से खुश और शुक्रगुजार है. हमें इन टैंकों की जरूरत है." हालांकि जर्मन राजदूत ने यूक्रेन को हथियार नहीं देने के स्विस सरकार के फैसले की आलोचना भी की है. फ्लुगर का कहना है कि उन्हें स्विस तटस्थता कानून में कुछ संशोधन की उम्मीद है. फ्लुगर के मुताबिक संशोधन के बगैर स्विट्जरलैंड में हथियार या गोला बारूद की खरीदारी "मुश्किल से असंभव" होती जाएगी.
क्या युद्धक्षेत्रों को वाकई जंगी हथियार नहीं बेचता जर्मनी?
टैंकों को उन्हें बनाने वाले को वापस बेचने के पक्ष में खड़े स्विस सांसदों की दलील है कि यह फैसला स्विट्जरलैंड की विदेश और सुरक्षा नीति के हित में है. स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन काउंसिल ऑफ स्टेट्स में यह फैसला 15 के मुकाबले 25 वोटों से पारित हुआ. तीन सदस्यों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
स्विट्जरलैंड की दक्षिणपंथी पार्टी एसवीपी ने इस योजना को खारिज किया है. पार्टी के सांसद वेर्नर साल्जमान का कहना है कि स्विट्जरलैंड के पास बहुत कम टैंक हैं और फिलहाल वह जल्दी से हथियार नहीं खरीद सकता.
एनआर/ओएसजे (डीपीए)