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हमलावर पर हमला कर देगा ईरान

५ फ़रवरी २०१२

ईरान की सेना के रेवल्यूशनरी गार्ड्स के मुताबिक अगर किसी देश ने उन पर हमला किया तो वह जवाबी हमला बोल देंगे. होर्मुज खाड़ी में युद्धाभ्यास कर रहे ईरान ने दुश्मनों को सहयोग देने वाले और उकसाने वाले देशों को चेतावनी दी है.

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ईरान के सैन्य अभ्यास जारी हैंतस्वीर: AP

रेवल्यूशनरी गार्ड्स के अधिकारी हुसैन सलामी ने कहा, "अगर दुश्मन किसी भी जगह से ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है तो हमारी सेना उनका जवाब देगी." ईरान की सेना देश के दक्षिणी हिस्से में युद्धाभ्यास कर रही है. इससे पहले शुक्रवार को ईरान के धार्मिक प्रमुख आयातोल्लह खामेनेई ने कहा कि इस्राएल का यहूदी शासन, "एक कैंसर वाला ट्यूमर है जिसे हटाया जाना चाहिए और उसे हटा भी दिया जाएगा." खामेनेई ने कहा कि उनका देश कहीं भी दखलंदाजी नहीं कर रहा है, लेकिन ईरान उन देशों और गुटों का समर्थन करता है जो यहूदी शासन के खिलाफ हैं. खामेनेई ने कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे नहीं हटेगा.

Mahmud Ahmadinedschad
दबंग हैं राष्ट्रपति अहमदीनेजादतस्वीर: ILNA

पिछले दिनों में ईरान के इस तरह के बयानों और मध्यपूर्व में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से इस्राएल भी चिंतित हो रहा है. इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि पिछले दिनों में वह अपने माहौल में खतरे के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि सीरिया की सेना अपने लोगों को मार रही है. हमारे इलाके में और भी खून बहा है. कई नेता अपने लोगों और पड़ोसियों को मारने से पीछे नहीं हटते. इस तरह के इलाके में केवल हमारी ताकत ही हमारी सुरक्षा, हमारी उपस्थिति और हमारे ऐश्वर्य को बरकरार रख सकता है. हम इस्राएल की सैन्य, आर्थिक और सामाजिक ताकत को बढ़ावा देते रहेंगे." इस्राएल ने अब तक ईरान पर सैन्य कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है और न ही उसने साफ किया है कि वह हमला नहीं करेगा.

Iran Ajatollah Ali Chamenei
आयातोल्लाह खामेनेईतस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन शहर म्यूनिख में चल रहे सुरक्षा सम्मेलन के आखिरी दिन भी सीरिया के साथ ईरान छाया रहा. तुर्की और कतर के नेता इस बीच पश्चिमी देशों को ईरान पर सैन्य कार्रवाई करने से रोकने की कोशिश में हैं. तुर्की के विदेश मंत्री अहमद दावतोग्लू ने कहा कि ईरान पर हमला एक 'हादसा' होगा. उनके मुताबिक परेशानी तकनीकी वजहों से नहीं है, बल्कि ईरान और बाकी देशों में आत्मविश्वास और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की वजह से है.

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव दोबारा पिछले महीने शुरू हुआ जब वॉशिंगटन और यूरोपीय संघ ने ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया. इसके बाद ईरान ने अपने तट के पास होर्मुज जल मार्ग बंद करने की धमकी दी. धमकी के बाद अमेरिका नौसेना का विमानवाही पोत वहां पहुंच गया. होर्मुज के रास्ते दुनिया भर के लिए कच्चा तेल जाता है. पश्चिमी देशों का मानना है कि ईरान शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम की आड़ में परमाणु हथियार बना रहा है.

रिपोर्टः डीपीए, एपी, रॉयटर्स/एमजी

संपादनः ओ सिंह

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