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हावर्ड बिजनेस स्कूल को टाटा का ऐतिहासिक तोहफा

१५ अक्टूबर २०१०

भारत के प्रतिष्ठित कारोबारी घराने टाटा ग्रुप ने हावर्ड बिजनेस स्कूल को पांच करोड़ डॉलर दिए है. हावर्ड बिजनेस स्कूल के 102 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी विदेशी दाता ने इतनी बड़ी रकम तोहफे में दी है.

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तस्वीर: UNI

प्रतिष्ठित हावर्ड बिजनेस स्कूल को यह भारी भरकम रकम टाटा समूह की कई संस्थाओं की ओर दी गई है. टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा ने कहा, ''प्रबंधन और नेतृत्व के लिहाज से हावर्ड बिजनेस स्कूल दुनिया की बेहद अहम सोच जैसा है. हमें बहुत खुशी हो रही है कि तोहफा स्कूल की मदद करेगा ताकि अगली पीढ़ी के कारोबारी लीडर्स तैयार हों.''

पांच करोड़ डॉलर यानी करीब दो अरब रुपये की मदद से स्कूल नई इमारत बनाएगा. एक हॉल भी बनाया जाएगा, जिसका नाम टाटा हॉल होगा. उम्मीद है कि टाटा हॉल 2013 तक बनकर तैयार हो जाएगा और इसका इस्तेमाल भी होने लगेगा.

स्कूल के भारतीय मूल के डीन नितिन नोहरिया ने टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि इस रकम से नौकरियां भी पैदा की जाएंगी. उन्होंने कहा, ''सच्चाई और नएपन के लिए टाटा समूह का दुनिया भर में सम्मान किया जाता है. उन्होंने पहली भारतीय कार बनाई साथ ही 2,000 डॉलर की नैनो कार उतारी. कार, होटल, चाय और सूचना तकनीक कई ऐसे कारोबार हैं, जहां टाटा शानदार ढंग से कारोबार कर रहा है.''

Tata Group Vorsitzender Ratan Tata bei Pressekonferenz zu Übernahme von Landrover und Jaguar
तस्वीर: AP

हावर्ड बिजनेस स्कूल में फिलहाल 60 से ज्यादा प्रोग्राम चल रहे हैं. इनमें 50 फीसदी से ज्यादा विदेशी पढ़ रहे हैं. अकेले एक्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम के तहत ही दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के 9,000 अधिकारी हावर्ड में कारोबार के गुर सीख रहे हैं. रतन टाटा ने भी 1975 में हावर्ड बिजनेस स्कूल में पढ़ाई की. एक्जीक्यूटिव एजुकेशन के तहत टाटा ने एक साल पढ़ाई की. 1995 में उन्हें स्कूल के सर्वोच्च सम्मान से भी नवाजा गया.

टाटा से पहले भारत के एक और बड़े कारोबारी आनंद महिंद्र ने भी स्कूल को एक करोड़ अमेरिकी डॉलर तोहफे में दिए. महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्ट आनंद महिद्रा भी हावर्ड के छात्र रह चुके हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार