हिना रब्बानी पाकिस्तान की नई विदेश मंत्री
२० जुलाई २०११हिना रब्बानी की नियुक्ति भारत के साथ अहम शांति वार्ता शुरू होने से ठीक पहले हुई है. प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की सलाह पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 34 साल की रब्बानी का ओहदा बढ़ाने का फैसला किया. उन्हें राष्ट्रपति भवन में कार्यवाहक राष्ट्रपति फारूक एच नाइक ने शपथ दिलाई. राष्ट्रपति आसिफ इली जरदारी फिलहाल अफगानिस्तान के दौरे पर हैं.
भुट्टो का रिकॉर्ड तोड़ा
शपथ लेने के बाद विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है, "हिना रब्बानी की एक बड़ी खासियत है कि वह युवा हैं और पाकिस्तान की विदेश मंत्री बनने वाली पहली महिला हैं." रब्बानी ने पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है. भुट्टो जब विदेश मंत्री बनाए गए, तब उनकी उम्र महज 35 साल थी.
विदेश मंत्रालय की पूरी जिम्मेदारी संभालने के बाद रब्बानी का पहला काम होगा आसियान क्षेत्रीय फोरम में अपने देश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना. इस फोरम की बैठक 22 और 23 जुलाई को इंडोनेशिया के बाली शहर में होने जा रही है. इसी दौरान वह चीनी विदेश मंत्री यांग चिएची और अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से भी अलग से मुलाकात करेंगी. विदेश मंत्रालय से जारी बयान के मुताबिक इंडोनेशिया से लौटने के बाद रब्बानी मंत्री स्तरीय बातचीत के लिए भारत जाएंगी जहां उनकी मुलाकात भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से होगी.
राजनीतिक परिवार से नाता
इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थी कि रब्बानी को राष्ट्रपति जरदारी अफगानिस्तान से लौटने के बाद शपथ दिलाएंगे. प्रधानमंत्री गिलानी ने ब्रिटेन जाने से पहले राष्ट्रपति को सलाह दी थी कि वह खार को विदेश मंत्री बना दें. गिलानी ने लंदन जाने से पहले खार से प्रधानमंत्री निवास पर मुलाकात की और उनसे उनकी नई भूमिका पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के रणनीतिकारों ने राष्ट्रपति से गुजारिश की कि विदेश मंत्री के शपथ की तारीख एक दिन पहले कर दी जाए, ताकि भारत को यह न लगे कि केवल प्रोटोकॉल का मसला सुलझाने के लिए रब्बानी को विदेश मंत्री बनाया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में अचानक तेजी से रब्बानी का नाम विदेश मंत्री के संभावितों में उभरने लगा. फरवरी में कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद शाह महमूद कुरैशी से विदेश मंत्रालय का जिम्मा वापस ले लिया गया और तभी से यह पद खाली पड़ा था.
हिना रब्बानी दिग्गज राजनेता मलिक गुलाम नूर रब्बानी की बेटी और पूर्व गवर्नर मलिक गुलाम मुस्तफा खार की भतीजी हैं. पूर्व सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ के जमाने में वह पीएमएल (क्यू) की सदस्य थीं और उन्होंने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सदस्यता 2008 के आम चुनावों से ठीक पहले हासिल की.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार