हिलेरी क्लिंटन ने कहा अलविदा
२ फ़रवरी २०१३शुक्रवार को अपना दफ्तर छोड़ने से पहले हिलेरी क्लिंटन ने राष्ट्रपति बराक ओबामा को एक पत्र लिख कर इस बात का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने क्लिंटन को अपनी कैबिनेट का हिस्सा बनने दिया. उन्होंने लिखा, "मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि अमेरिका की पहचान दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में बनी हुई." 2008 के राष्ट्रपति चुनावों से पहले हिलेरी क्लिंटन को भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार माना जा रहा था, लेकिन ओबामा के लिए उन्होंने कदम पीछे हटाने का फैसला लिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह 2016 में चुनाव लड़ना चाहेंगी उन्होंने कोई साफ जवाब नहीं दिया, "मैं अभी कोई फैसला नहीं ले रही हूं, लेकिन जो काम मैं खुद ही नहीं करूंगी उसकी सलाह भी मैं किसी और को नहीं दूंगी. अगर आपको लगता है कि आप कुछ बदलाव ला सकते हैं, केवल राजनीति में नहीं, लोगों के बीच भी, सभी अहम मुद्दों में, और तब आप को इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा कि आपको 100 फीसदी समर्थन नहीं मिलेगा."
कौन हैं केरी?
हिलेरी क्लिंटन को अपनी विदेश नीतियों से ज्यादा विदेश यात्राओं के लिया याद किया जाएगा. माना जाता है कि अपने कार्यकाल में उन्होंने जितने देशों का दौरा किया उतने दौरे और किसी भी मंत्री के नाम नहीं हैं. कभी अमेरिका की प्रथम महिला रह चुकी हिलेरी क्लिंटन ने दफ्तर छोड़ने से पहले एक स्पीच दी जिस का बहुत उत्साह के साथ स्वागत किया गया.
अमेरिका के समय शुक्रवार शाम 4 बजे उनका कार्यकाल खत्म हुआ. इसी समय सुप्रीम कोर्ट की जज एलेना कागन के सामने जॉन केरी ने एक निजी समारोह में विदेश मंत्री पद के लिए शपथ ली. वह सार्वजनिक रूप से अगले सप्ताह शपथ लेंगे. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं बहुत ही सम्मानित महसूस कर रहा हूं और जल्द ही काम में लग जाना चाहता हूं." केरी ने कहा कि वह सोमवार सुबह 9 बजे दफ्तर पहुंच जाएंगे और अपना काम शुरू कर देंगे.
69 साल के केरी पिछले 28 साल से सीनेटर हैं. सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष के तौर पर उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुडी नीतियां बनाने के लिए जाना जाता है. वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता के कट्टर समर्थक भी हैं. 2004 में वह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे.
मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव
ओबामा के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद उनके मंत्रमंडल में बदलाव हो रहे हैं. हालांकि हर चार साल बाद नए मंत्रिमंडल का आना कोई नई बात नहीं, लेकिन ओबामा के दोबारा शपथ लेने के बाद बहुत बड़े बदलावों की उम्मीद नहीं की जा रही थी. क्लिंटन ने चार साल पूरे होने के बाद पद त्यागने का फैसला खुद ही लिया. उनकी तरह और भी कुछ मंत्रियों ने कदम पीछे हटा लेने का निर्णय किया है.
शुक्रवार को ही ऊर्जा मंत्री स्टीवन चू ने अपना इस्तीफा दिया. परमाणु ऊर्जा के समर्थक स्टीवन चू नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किए जा चुके हैं. 2011 में जापान में आए भूकंप और सूनामी के बाद परमाणु ऊर्जा पर उठी बहस के दौरान चू ने कहा कि देश के सभी परमाणु प्लांट सुरक्षित हैं और देश को इस ऊर्जा की सख्त जरूरत है. ओबामा ने चू की प्रशंसा में कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने देश में फिर से व्यवहार में लाई जाने वाली ऊर्जा के इस्तेमाल को दोगुना कर दिया.
इसके अलावा अमेरिका की खुफिया सेवा के अध्यक्ष मार्क सुलिवन भी हाल ही में रिटायर हो गए हैं. वह 7 साल से अध्यक्ष का पद संभाल रहे थे और पिछले 29 साल से खुफिया सेवा के साथ जुड़े हुए थे. परिवहन मंत्री रे लाहुड ने भी मंगलवार को अपना इस्तीफा दे दिया.
रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा और वित्त मंत्री टिम गाइथनर भी जल्द ही पद छोड़ने वाले हैं. ओबामा ने पेंटागन के अध्यक्ष के रूप में चक हेगल को चुना है जिस पर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से कड़ा विरोध जताया जा रहा है. हालांकि ओबामा का कहना है कि उन्हें अपनी पसंद पर पूरा भरोसा है.
आईबी/एएम (एपी, डीपीए)