हीरों से चमकेगा राजमहल
३० जून २०१२इस प्रदर्शनी में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के साथ साथ पिछले 250 सालों में ब्रिटेन के कई राजा महाराजाओं के आभूषण पेश किए जाएंगे. 10,000 से भी अधिक हीरों से बकिंघम पैलेस जगमगा उठेगा. रानी के मुख्य मुकुटों में से एक डायडेम क्राउन को भी यहां रखा जाएगा. उन्हें कई तस्वीरों में और स्टैम्प में यह मुकुट पहने देखा जाता है.
प्रदर्शनी की अध्यक्ष कैरोलीन दे गिटआउट ने कहा, "यह मुकुट दरअसल जॉर्ज चार के समय का है, जब 1821 में उनका राजतिलक हुआ, लेकिन इसे रानी एलिजाबेथ द्वितीय की पहचान के रूप में भी देखा जाता है. जब 1953 में उनका राजतिलक हुआ तब बकिंघम पैलेस से वेस्टमिन्स्टर एबे तक उन्होंने यह पहना हुआ था. उसके अलावा भी वह जब भी किसी राजकीय समारोह में गईं तब उन्होंने महल से एबे तक इसे पहना है."
3106 कैरेट का हीरा
साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा 'कूलिनन' हीरा भी यहां मौजूद होगा. इस हीरे का नाम दक्षिण अफ्रीका की एक खान के मालिक के नाम पर रखा गया था. माना जाता है कि 1905 में जब यह हीरा मिला तब इसे मामूली पत्थर समझ कर फेंक दिया था. यह इतना बड़ा था कि इसे हीरे के रूप में पहचाना ही नहीं जा सका. दस सेंटीमीटर से बड़े और 3106 कैरेट वाले इस हीरे को फिर राजा एडवार्ड सातवें को भेंट किया गया.
1947 में रानी एलिजाबेथ के 21वें जन्मदिन पर उन्हें एक दक्षिण अफ्रीकी हार भेंट किया गया था. इस हार को भी यहां देखा जा सकेगा. इसके साथ ही दिल्ली दरबार का ताज, जयपुर तलवार, कोकोश्निक ताज और रानी विक्टोरिया के ब्रोच भी यहां होंगे. विलियम ब्रोच भी यहां होगा. माना जाता है कि इस ब्रोच में दुनिया का बेहतरीन गुलाबी हीरा लगा हुआ है. प्रदर्शनी के बारे में कैरोलीन दे गिटआउट बताती हैं, "इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को यह दिखाया जा सके कि शासकों ने किस तरह से अपनी शौहरत और ताकत को दिखाने के लिए हीरों का इस्तेमाल किया है." उन्होंने कहा कि यहां बेशकीमती अंगूठियां, हार, ताज, मुकुट, कान की बालियां और तलवारें देखी जाएंगी. दे गिटआउट के अनुसार महारानी से विचार विमर्श करने के बाद ही प्रदर्शनी का खाका तैयार किया गया है. ताकि हीरों की चका चौंध और उभर कर दिखे, इसलिए इन्हें एक कम रोशनी वाले कमरे में रखा जाएगा.
यह प्रदर्शनी 30 जून से 8 जुलाई तक और फिर 31 जुलाई से 7 अक्टूबर तक चलेगी.
आईबी/ओएसजे (डीपीए, रॉयटर्स)