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हुस्नी ने अपने वफादार को बनाया मिस्र का उपराष्ट्रपति

२९ जनवरी २०११

विरोध प्रदर्शनों की आंच में झुलसते मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने खुफिया सेवा के चीफ और अपने भरोसेमंद उमर सूलेमान को देश का उप राष्ट्रपति चुना है. मुबारक के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार इस पद पर नियुक्ति हुई है.

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तस्वीर: dapd

राष्ट्रपति बनने से पहले हुस्नी मुबारक देश के उपराष्ट्रपति थे और पूरे 30 साल बाद उन्होंने इस पद पर किसी को बिठाया है वो भी तब जब जनता उनसे पद इस्तीफा देने की मांग पर अड़ी है. राष्ट्रपति के इस कदम ने पहली बार किसी के उनका उत्तराधिकारी बनने के संकेत दिए हैं. इसके साथ ही एक और अहम बात ये है कि उनका बेटा इस तस्वीर के फ्रेम से गायब है. उसके नाम पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

पांच दिन से लगातार चले आ रहे विरोध प्रदर्शनों की आंच में मिस्र झुलस रहा है. काहिरा में कर्फ्यू लगे होने का बावजूद शनिवार को पचास हजार से ज्यादा लोगों ने शहर के मुख्य चौराहे तहरीर स्क्वेयर पर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति मुबारक से इस्तीफा देने को कहा. इस बीच विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की तादात 95 पर पहुंच गई है. राष्ट्रपति ने सेना को शहर में तैनात कर दिया है. सेना के टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां शहर में गश्त पर हैं.

Proteste in Ägypten NO FLASH
तस्वीर: AP

राष्ट्रपति के इस कदम से ये भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुमकिन है कि वो सितंबर में होने वाले चुनाव में हिस्सा न लें. हालांकि अधिकारी इस बात से इनकार कर रहे हैं उनका कहना है कि वो चुनाव में खड़े होंगे. 74 साल के उमर सूलेमान देश की नीतियां तय करने में पहले से ही अहम भूमिका निभाते रहे हैं. फलीस्तीन इस्राएल के बीच शांति वार्ता में भी उनकी बड़ी भूमिका है जिसे मिस्र के उसके सहयोगी देशों के साथ रिश्ते की धुरी माना जाता है.

"वो मुबारक ही हैं, कोई बदलाव नहीं हुआ है"

सरकारी टेलिविजन पर सूलेमान को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेते दिखाया गया है. सरकारी न्यूज एजेंसी ने इस बारे में दिए संक्षिप्त समाचार में कहा, "उमर सूलेमान को आज शाम देश के उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई."

Ägypten Kairo Proteste
तस्वीर: picture-alliance/dpa

अभी ये पता नहीं चल सका है कि विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी इस कदम से खुश होंगे या नहीं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से गृह मंत्रालय के बाहर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "वो मुबारक ही हैं कोई बदलाव नहीं हुआ है." नियुक्ति के बाद भी हजारों लोग यहां प्रदर्शन करने मौजूद थे.

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति मुबारक से कहा है कि वो शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ बल प्रयोग न करें. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मिस्र की सरकार से हिंसक रास्ता न अपनाने को कहा है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष हरमन फॉन रोमपॉय ने राष्ट्रपति मुबारक से अपील की है कि वो हिंसा तुरंत रोकें और देश के लोगों से बातचीत शुरु करें. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी मिस्र के राष्ट्रपति से फोन कर सुधारों के वायदे को पूरा करने की सलाह दी है. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि मिस्र में स्थायित्व जरूरी है लेकिन वो लोगों की आजादी की कीमत पर नहीं होनी चाहिए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ईशा भाटिया

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