हैकिंग कांड पर मर्डोक की एक और माफी
१७ जुलाई २०११ब्रिटेन में रविवार को प्रकाशित कई अखबारों में रुपर्ट मर्डोक ने एक विज्ञापन में माफी मांगते हुए कहा है कि पुलिस जांच में पूरी तरह सहयोग किया जाएगा. पाठकों का भरोसा खोने की आशंका से मुश्किल मे पड़े मर्डोक ने आश्वस्त करने की कोशिश की है कि दोषियों को छिपाया नहीं जाएगा. न्यूज कॉर्प का दुनिया भर के मीडिया में जबरदस्त प्रभाव है लेकिन न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के फोन हैकिंग कांड में फंसने के बाद यह साम्राज्य हिलता नजर आ रहा है.
शनिवार को ब्रिटिश अखबारों में विज्ञापन के जरिए रुपर्ट मर्डोक माफी मांग चुके हैं लेकिन रविवार को एक बार फिर माफी मांगी गई. हालांकि शनिवार को छपे माफीनामे के विपरीत इस बार मर्डोक के हस्ताक्षर नहीं हैं. इससे पहले पिछले रविवार को 168 साल पुराने न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार को बंद कर दिया गया. न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार की पूर्व संपादक रेबेका ब्रुक्स और न्यूज कॉर्प के बड़े अधिकारी लेस हिन्टन शुक्रवार को इस्तीफा दे चुके हैं.
हैकिंग कांड की आग को बुझाने की मर्डोक की तमाम कोशिशों के बावजूद आलोचकों का कहना है कि यह नाकाफी है. ब्रिटेन के लेबर पार्टी के नेता एड मिलिबैंड ने कहा है कि रुपर्ट मर्डोक के पास काफी ताकत है और ब्रिटिश मीडिया में उनके साम्राज्य को तोड़ा जाना चाहिए.
रुपर्ट मर्डोक के बेटे और न्यूज इंटरनेशनल के चेयरमैन जेम्स मर्डोक ने हैकिंग कांड के बाद जैसी कार्रवाई की उसकी कड़ी आलोचना हो रही है. मंगलवार को रुपर्ट मर्डोक, जेम्स मर्डोक और रेबेका ब्रुक्स को संसद में सवालों का सामना करना पड़ेगा. जेम्स मर्डोक से पूछा जाएगा कि इससे पहले की पूछताछ में उन्होंने संसद को गुमराह करने की कोशिश क्यों की.
वैसे हैकिंग कांड से ब्रिटेन की पुलिस भी अछूती नहीं है. पुलिस पर आरोप है कि उसने खबर देने के बदले न्यूज कॉर्प के पत्रकारों से पैसे लिए और 2005 में सामने आए फोन हैकिंग के आरोपों की सही जांच नहीं की.
न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अखबार पर सेलेब्रिटी, नेताओं, पत्रकारों सहित कई लोगों के फोन हैक करने का आरोप लगा है. 13 साल की मिलि डाउलर का फोन भी हैक किया गया जिसकी हत्या कर दी गई थी. रुपर्ट मर्डोक ने डाउलर परिवार से मिलने के बाद उनसे माफी मांगी. गहराते विवाद के बाद मर्डोक ने अखबार बंद करने और बीस्काईबी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी पर नियंत्रण हासिल करने के संभावित समझौते से हाथ खींच लिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ईशा भाटिया