हैरतंगेज जोकोविच ने फेडरर को हराया
११ सितम्बर २०११यूएस ओपन के फाइनल में पहुंचने के लिए जोकोविच और रोजर फेडरर के बीच तीन घंटे 51 मिनट तक खूंखार संघर्ष हुआ. 16 ग्रैंड स्लैम जीत चुके स्विट्जरलैंड के फेडरर ने आक्रमक शुरुआत की. पहला सेट कांटेदार रहा. टाईब्रेकर में फेडरर 7-6 (9-7) से जीते. दूसरे सेट में फेडरर ने और जबरदस्त खेल दिखाया और 6-4 से सेट अपने नाम किया.
धमाकेदार ढंग से दो सेट जीतने के बाद लगने लगा कि 30 साल के फेडरर पुरानी ताकत के साथ लौट आएं हैं. लेकिन तभी सर्बियन टाइगर की तरह जोकोविच ने दहाड़ मारी. कयासों और अटकलों को धता ठहराते हुए 24 साल के जोकोविच ने तीसरा, चौथा और पांचवां सेट सीधे अंकों से जीता. इस तरह 6-7 (7-9) 4-6 6-3 6-2 7-5 से उन्होंने मुकाबला अपने नाम किया.
दर्शक और कमेंटेटर भी जोकोविच की वापसी से कायल हो गए. कोर्ट में अक्सर मजाक करने के लिए मशहूर सर्बियाई खिलाड़ी ने कहा, "निश्चित तौर पर यह इस साल की सबसे बड़ी जीत है. ऐसी परिस्थितियों में यह मेरे करियर की सबसे बड़ी जीतों में से एक है. मैं दो सेट पीछे था. रोजर पूरी तरह नियंत्रण में थे, वह मुझसे बेहतर खेल रहे थे. तभी मैंने गियर बदला और बाकी तीन सेट्स बेहतर खेले."
फेडरर की छटपटाहट
वहीं इस हार से फेडरर और उनके प्रशंसक खासे मायूस हुए हैं. 2002 के बाद यह पहला मौका है जब फेडरर पूरे साल कोई ग्रैंड स्लैम खिताब नहीं जीत पाए हैं. लगातार 237 हफ्तों तक दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रहने का रिकॉर्ड बना चुके फेडरर जनवरी 2010 के बाद कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत सके हैं.
फेडरर भी अपने प्रदर्शन से टूटे हुए हैं. वह कहते हैं, "यह बहुत निराशाजनक है. इसके लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. मैंने उत्तम शुरुआत की लेकिन मैं उसे ठीक से खत्म नहीं कर सका. यह साल मेरे लिए काफी मुश्किल रहा, कुछ पीड़ादायक हारें देखी. बहरहाल यह पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है. बड़े मुकाबलों में पहले भी मैं हारा हूं, हालांकि अपने करियर में ज्यादातर बड़े मैच मैंने जीते हैं."
आलोचक कहते हैं कि 30 साल के फेडरर में जब उतनी ताकत नहीं रही कि वह युवा नडाल और जोकोविच के साथ घंटों उलझ सकें. लेकिन जोकोविच के खिलाफ वह जिस अंदाज में खेले उससे लगता है कि फेडरर के बाजुओं में अभी काफी दम बचा है.
नडाल बनाम मरे:
पुरुषों के दूसरे सेमीफाइनल में स्पेन के रफाएल नडाल ने ब्रिटेन के जरूरत से ज्यादा चढ़ाए गए सितारे एंडी मरे को बुरी तरह हराया. थकान से चूर दोनों खिलाड़ियों का यह मुकाबला एक पूरी तरह एकतरफा रहा. दोनों ने बीते तीन दिन में तीन मैच खेले. राफा ने पहले दो सेट 6-4 6-2 से तूफानी अंदाज में जीते. लेकिन इसी दौरान नडाल को पैर में दर्द की शिकायत हुई. वह धीमे पड़े और सावधानी से खेलने लगे, मरे ने इसका फायदा उठाया और सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया. तीसरा सेट गंवाने और कुछ देर आराम करने के बाद राफा पूरी तरह चार्ज हो चुके थे, उनका दर्द भी शायद कम हुआ. बस फिर क्या था, राफा ने एंडी मरे और ब्रिटेन की सारी उम्मीदें ध्वस्त कर दीं. मैच 6-4 6-2 3-6 6-2 से राफा के नाम रहा.
टेनिस के दिग्गज अरसे से कह रहे हैं कि एंडी मरे में ग्रैंड स्लैम जीतने का दम नहीं है. यह बात एक बार फिर साबित हो गई. सुरक्षात्मक खेल के सहारे कोर्ट पर डटे रहने वाले मरे अक्सर बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ अंक बटोरने वाले शाट्स लगा ही नहीं पाते हैं. यूएस ओपन ने भी इस दावे पर मुहर लगाई. नडाल के खिलाफ वह अंक बटोरने में नाकाम रहे.
फाइनल: जोकोविच बनाम नडाल
अब सारी निगाहें सोमवार को होने वाले फाइनल पर हैं. नडाल ने बीते साल जोकोविच को हराकर यूएस ओपन जीता था लेकिन 2011 में समीकरण अलग हैं. जोकोविच का खेल काफी निखरा है. डिफेंस के मामले में वह नडाल और फेडरर जैसे ही मजबूत हैं. उनमें और अन्य खिलाड़ियों में फर्क यह दिखता है कि जोकोविच डिफेंस करते हुए भी इतना करारा शॉट्स मारते हैं कि दूसरा दंग रह जाता है. अन्य खिलाड़ी डिफेंस करते समय अपना ध्यान सिर्फ गेंद को सफाई से दूसरी तरफ भेजने में लगाते हैं. वहीं जोकोविच हमलावर पर ही हमला कर देते हैं.
उनके इस दांव से नडाल भी परेशान हैं. इस साल नडाल और जोकोविच पांच बार भिड़ चुके हैं और पांचों बार जीत सर्बियाई खिलाड़ी की हुई. फाइनल की तैयारी के बारे में राफा कहते हैं, "वाकई फाइनल के लिए जोकोविच का दावा ज्यादा मजबूत है. मुझे लगता है कि बाकी मैचों से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करना होगा. मुझे स्थिति में बदलाव करना होगा."
नडाल को हराकर इसी साल जोकोविच ने अपना पहला विम्बलडन खिताब जीता. हालांकि अब तक खेले गए मैचों का रिकॉर्ड देखें तो नडाल भारी पड़ते हैं लेकिन जिद्दी और नटखट जोकोविच रिकॉर्डों की परवाह नहीं करते. वह पिछड़ने के बावजूद फेडरर और नडाल जैसे धुरंधरों को हरा देते हैं. यह बात जोकोविच को मानसिक दृढ़ता देती है और प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को मैच से पहले ही अतिरिक्त दबाव में ले आती है.
इतना तय है कि यूएस ओपन का फाइनल पूरी तरह 'पैसा वसूल' होगा. विम्बलडन हार चुके नडाल कह चुके हैं वह जोकोविच से हिसाब चुकता करेंगे. इसके लिए मंच भी तैयार हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओंकार सिंह जनौटी
संपादन: एन रंजन