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अब गाय की जुगाली से पकेगा आपका खाना

२८ अप्रैल २०११

अगर आपसे कहा जाए कि अपने फ्लैट में एलपीजी सिलेंडर की बजाय एक गाय रखिए, तो आप यकीन करेंगे. मध्य प्रदेश के एक रिसर्चर का कहना है कि यकीन करना होगा क्योंकि गाय की जुगाली से ही आपका खाना पक जाएगा.

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तस्वीर: AP

जुल्फकार उल हक राज्य के एक पशु चिकित्सा संबंधी कॉलेज में रिसर्चर हैं. उनका कहना है कि किसी पशु के जुगाली करने से जो मीथेन गैस पैदा होती है उसे तरल ईंधन में बदला जा सकता है और इससे खाना पकाया जा सकता है. हक का कहना है कि फरवरी में जयपुर में हुए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में उनके विचार को सर्वोत्तम मौलिक विचार का पुरस्कार दिया गया और वह अब इसे साकार करने पर जुटे हुए हैं.

हक ने पीटीआई को बताया, "घरेलू पशुओं की जुगाली से पैदा होने वाली मीथेन को जानवरों के मुंह पर पाइप वाला एक मास्क लगाकर एक जगह स्टोर किया जा सकता है जिसे बाद में तरल ईंधन में तब्दील किया जा सकता है. इससे ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी क्योंकि दुनिया भर के तापमान को बढ़ाने में इस गैस की भी बड़ी भूमिका है. और दूसरा भारत में घरेलू पशुओं की तादाद दुनिया के किसी भी मुल्क से ज्यादा है."

हक का दावा है कि तरल मीथेन को खाना पकाने वाली गैस की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे वाहनों को भी चलाया जा सकता है. हक के मुताबिक अनुमान है कि एक घरेलू पशु (मसलन गाय) पर्यावरण में 250 से 500 लीटर मीथेन छोड़ता है और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक इस बात को लेकर खासे चिंतित हैं. हक कहते हैं कि उनके नायाब ख्याल से इस समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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