अमेरिका और ईयू ने सीरिया पर दबाव बढ़ाया
३० अप्रैल २०११यूरोपीय संघ सीरिया में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के दमन के कारण बशर सरकार के खिलाफ प्रतिबंधों पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है. ब्रसेल्स में 27 सदस्य देशों के राजदूतों की बैठक के बाद कहा गया है कि हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने की योजना है. लाखों यूरो की सहायता रोकने पर भी विचार चल रहा है.
अमेरिकी प्रतिबंध
इससे पहले अमेरिका ने राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के उच्च प्रतिनिधियों के खिलाफ पहले दंडात्मक कदमों की घोषणा की. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने एक बयान में कहा, "अमेरिका का मानना है कि हमारे द्वारा उठाए जा रहे कदमों के अलावा अपनी जनता के खिलाफ सीरिया की निंदनीय कार्रवाइयों पर जोरदार अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है."
संपत्ति को फ्रीज करने और वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाने का फैसला खासकर राष्ट्रपति के भाई महर अल असद के खिलाफ लक्षित है जो कुख्यात चौथे आर्मर्ड डिवीजन के कमांडर हैं.
दबाव के बाद किया फैसला
सारिया की खुफिया सेवा को भी आर्थिक प्रतिबंधों का निशाना बनाया गया है. यह फैसला संयम बरतने की अमेरिकी सलाह पर सीरिया की प्रतिक्रिया नहीं होने के बाद आया है. राष्ट्रपति ओबामा पर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया था. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है, "अमेरिका सीरिया की जनता के खिलाफ सरकार की बल और धमकी के जारी इस्तेमाल की कड़ी निंदा करती है."
इससे पहले 47 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने सीरिया में मानवाधिकार हनन की जांच का समर्थन किया है. अमेरिका द्वारा पेश एक संशोधित प्रस्ताव में संस्था के अध्यक्ष से एक जांच दल सीरिया भेजने की मांग की गई. संस्था के 26 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि 9 ने विरोध किया. सात देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया जबकि बहरीन, जॉर्डन और कतर सहित पांच देश मतदान के समय अनुपस्थित थे.
प्रतिबंधों के बावजूद शुक्रवार को सीरिया के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दारा, होम्स और लटकिया शहरों में प्रतिबंध के वावजूद प्रदर्शन करने वाले लोगों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में करीब 60 लोग मारे गए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: वी कुमार