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अमेरिका ने पाक सेना की मदद रोकी

२३ अक्टूबर २०१०

अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना को दी जाने वाली मदद रोक दी है. ऐसा पाक सेना पर लगे मानवाधिकार हनन के आरोपों के चलते किया गया है. सैनिकों पर निहत्थे कैदियों को कत्ल करने के आरोप लगे हैं जिसकी अमेरिका ने कड़ी आलोचना की है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिकी कानून के तहत पाक सेना को दी जाने वाली मदद रोकी गई है. कानून के मुताबिक अगर किसी विदेशी सेना पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगते हैं तो वह अमेरिकी मदद की हकदार नहीं होती. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि इसका असर कितना व्यापक होगा.

Pakistan Armee in den Bergen
तस्वीर: Abdul Sabooh

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा कि मामला कानूनी और खुफिया जानकारियों से जुड़ा है इसलिए इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी जा सकती. उन्होंने इतना जरूर बताया कि इस कटौती का असर कुछ ही यूनिटों पर होगा. इस बारे में विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अमेरिका मानवाधिकार हनन के मामलों को गंभीरता से लेता है इसलिए इस तरह के कदम उठाए गए हैं. विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में जब हिलेरी क्लिंटन ने यह बयान दिया तब पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी उनके साथ थे.

हिलेरी ने कहा, "हमने इस बारे में पाकिस्तान सरकार से बातचीत की है. हम कानून के तहत ही काम करेंगे. अमेरिकी मदद कानून और नियमों के हिसाब से ही दी जानी चाहिए."

यह खुलासा उसी दिन हुआ जब अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना को 2 अरब डॉलर की सहायता देने का एलान किया. पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी इस वक्त रणनीतिक बातचीत के लिए अमेरिका में हैं.

मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने कुछ वक्त पहले अमेरिका को बताया था कि पाकिस्तानी सेना ने कम से कम 200 ऐसे लोगों का कत्ल किया जो तालिबान से सहानुभूति रखते थे. वॉशिंगटन में संस्था के निदेशक टॉम मालिनोवस्की ने कहा, "उन्होंने आज दिखाया कि अमेरिका कानून तोड़ने वाली यूनिटों की मदद रोकने के साथ साथ पाकिस्तानी सेना की मदद कर सकता है."

अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि कुछ चुनिंदा यूनिटों तक मदद न पहुंचे, ऐसा कर पाना मुश्किल होगा लेकिन उनका कहना है कि कोलंबिया, इंडोनेशिया और कई अन्य जगहों पर ऐसा किया जा चुका है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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