अमेरिकी फौज नहीं छोड़ेगी पाकिस्तानी अड्डा
१ जुलाई २०११समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन ने शम्सी एयरबेस से अपनी फौज हटाने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने न तो शम्सी एयरबेस छोड़ा है और न ही वह उसे छोड़ने जा रहे हैं. समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिकी सरकार के एक अन्य अधिकारी ने भी इस खबर की पुष्टि की है.
इसी हफ्ते पाकिस्तान के रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार ने अमेरिकी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शम्सी एयरबेस से होने वाले ड्रोन हमलों को रोक चुका है. गुरुवार को पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, "जब अमेरिका वहां से काम नहीं करेगा तो ड्रोन हमले भी नहीं होंगे." पाकिस्तान के मुताबिक एयरबेस छोड़ने की मांग का ओसामा बिन लादेन की मौत से कोई लेना देना नहीं है. मुख्तार के मुताबिक पाकिस्तान एबटाबाद ऑपरेशन के पहले से ही ऐसी मांग कर रहा है.
गूगल अर्थ से दिखे ड्रोन विमान
पाकिस्तानी सेना के अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, "अफगानिस्तान पर ड्रोन हमले करने के लिए अमेरिका को जलालाबाद और शम्सी बेस दिए गए थे. जलालाबाद खाली हो चुका है लेकिन शम्सी अब भी उन्हीं के पास है. अमेरिका साजो सामान संबंधी कार्रवाई के लिए उसका इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कभी कभार उसका इस्तेमाल ड्रोन के लिए भी किया लेकिन हाल में वहां से ड्रोन विमान उड़ान नहीं भर रहे हैं." गूगल अर्थ पर पुरानी कुछ तस्वीरें दिखाई जा चुकी हैं. कहा जाता है कि तस्वीरों के जरिए भी पता दिखता है कि शम्सी एयरबेस पर ड्रोन विमान हैं.
अमेरिकी नौसेना के विशेष दस्ते ने दो मई की रात पाकिस्तान के शहर एबटाबाद में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. अमेरिका ने पाकिस्तान को ऑपरेशन की भनक तक नहीं लगने दी. बिन लादेन की मौत के बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों में मतभेद बढ़ गए हैं. अमेरिकी सेना और सरकार का एक धड़ा मानने लगा है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी की आतंकवादियों से सांठ गांठ हैं. वहीं इस्लामाबाद इन आरोपों से इनकार कर रहा है और अमेरिकी फौज और खुफिया एजेंसी से पाकिस्तान में अपनी गतिविधियां कम करने को कह रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया