अल कायदा नेता अल-अवलाकी मारा गया
३० सितम्बर २०११यमन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आतंकवादी अनवर अल-अवलाकी अपने कई साथियों के साथ मारा गया है." बयान में और ज्यादा ब्योरा नहीं दिया गया है. एक यमनी सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि शुक्रवार सुबह उत्तरी प्रांत अल-जाफ में हवाई हमले में उसे निशाना बनाया गया. यह प्रांत सऊदी अरब से लगने वाली सीमा के पास पड़ता है. अल-अवलाकी के साथ चार और संदिग्ध आतंकवादी मारे गए हैं. अवलाकी की पैदाइश अमेरिका में हुई, लेकिन उसके माता पिता यमनी मूल के थे.
यह अभी साफ नहीं है कि अवलाकी यमन की कार्रवाई में मारा गया है या अमेरिकी ड्रोन हमले में निशाना बना है. मई में एक अमेरिकी ड्रोन हमले के जरिए अल-अवलाकी को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन वह बच गया. अमेरिका की तरफ से इस बारे में अभी कोई बयान नहीं आया है. वैसे यमन स्थित अरब प्रायद्वीप में अल कायदा (एक्यूएपी) हमले के कुछ दिन बाद इंटरनेट पर अपने सदस्यों की मौत की पुष्टि करता है.
"वैश्विक आंतकवादी"
अल-अवलाकी को 2009 में अमेरिका जा रहे एक विमान में धमाका करने की कोशिश का जिम्मेदार माना जाता है. अमेरिकी सेना के उस मनोविज्ञानी के साथ भी उसके संपर्क बताए जाते थे, जिसने उसी साल एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर गोलीबारी कर 13 लोगों की जान ले ली.
अमेरिकी अधिकारी उसे "वैश्विक आंतकवादी" कहते थे और पिछले साल उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश जारी किए, लेकिन यमन की सरकार पहले उस पर कार्रवाई करने से बच रही थी. अंग्रेजी और अरबी भाषाएं बड़ी अच्छी तरह बोलने वाला अल-अवलाकी अमेरिका पर हमलों को बढ़ावा देता था और उसे ऐसा व्यक्ति समझा जाता था जो पश्चिमी देशों से युवकों को अल कायदा में शामिल कर सकता है. उसकी खास पहचान जहर उगलने वाले भाषणों से होती है.
यमन में आठ महीने से राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी उनसे इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. सालेह 33 साल से यमन की सत्ता में काबिज हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आशंका है कि एक्यूएपी देश में अस्थिरता का फायदा उठा सकता है.
अवलाकी की मौत का मतलब
दुबई स्थित एक विश्लेषक थियोडोर कारासिक का कहना है कि अल-अवलाकी की मौत एक्यूएपी के लिए नुकसान से ज्यादा राष्ट्रपति सालेह के लिए वरदान साबित हो सकती है. वह कहते हैं, "एक्यूएपी के लिए इस तरह की मौतें आम बात हैं. कई नेता हैं जो एक्यूएपी की जगह ले सकते हैं."
वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अगर अल-अवलाकी की मौत की पुष्टि हो जाती है तो एक्यूएपी को उसकी जिम्मेदारी किसी और को सौंपना आसान नहीं होगा. बेशक वह बहुत वरिष्ठ नहीं था, लेकिन स्वाभाविक तौर पर अंग्रेजी में प्रोपेगेंडा करने की उसकी काबलियत उसे खास बनाती थी.
पिछले साल अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार ने अल-अवलाकी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का आदेश जारी किया. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि वह अमेरिका विरोधी गतिविधियों में शामिल है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल