असद पर हावी हुए विद्रोही
२ सितम्बर २०१२17 महीनों से चली आ रही हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सीरिया में पिछले हफ्ते कम से कम 1,600 लोग मारे गए हैं. देश के भीतर ही 12 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं और राजधानी दमिश्क के आसपास डेढ़ लाख लोग बेघर हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सीरिया की सरकार से देश में अंतरराष्ट्रीय राहत संस्थाओं को आने देने की इजाजत मांगी है. ईरान में बातचीत के बाद बान ने बताया कि उन्हें इस सिलसिले में सीरियाई अधिकारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली हैं.
विद्रोही भी सरकार के खिलाफ जीत हासिल करने में लगे हुए हैं. देश के पूर्वोत्तर में उन्होंने वायुसेना की एक इमारत पर हमला किया और कई सारे विमानरोधी रॉकेट जब्त कर लिए. ब्रिटेन में सीरियन ऑब्जरवेटरी ऑफ ह्यूमन राइट्स के रामी अब्दुलरहमान का कहना है कि विद्रोहियों ने 16 लोगों को बंदी बनाकर रखा है. इंटरनेट पर डाले गए वीडियो में बंदियों और विद्रोहियों के जब्त किए गए रॉकेटों को देखा जा सकता है. अब्दुलरहमान के मुताबिक विद्रोहियों ने सीरिया की पूर्वी सीमा के पास हमदान हवाई बेस पर भी हमला किया लेकिन उस पर कब्जा नहीं कर पाए.
अब तक सीरिया में 20,000 लोगों की जाने जा चुकी हैं लेकिन अब भी रूस का कहना है कि हिंसा रोकने के लिए केवल दमिश्क में सरकार पर दबाव नहीं डाला जा सकता. विदेश मंत्री सरगेई लावरोव ने कहा कि संघर्ष में केवल एक पक्ष से अगर हिंसा रोकने की उम्मीद की जाए, तो इससे कोई फायदा नहीं होगा. वहीं तुर्की ने सीरियाई लोगों के लिए सुरक्षित इलाकों को घोषित करने की बात कही है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और पश्चिमी देश इन इलाकों को सुरक्षित करने के लिए किसी भी तरह की सैन्य मदद देने को तैयार नहीं हैं.
तुर्की के प्रधानमंत्री तैयब एर्दवान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इस मामले को लेकर निष्क्रीयता की निंदा की है और कहा है कि बशर अल असद का राजनीतिक जीवन अब खत्म हो चुका है. एर्दवान ने यह भी कहा कि असद सीरिया में इस वक्त राजनीतिज्ञ की तरह नहीं, एक योद्धा की तरह है. जर्मन विदेश मंत्री ने भी कहा है कि उनका देश मॉस्को और बीजिंग से बातचीत जारी रखेगा. जर्मनी सितंबर के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रमुखता कर रहा है. जोर्डन भी लगातार पश्चिमी देशों से सीरिया मामले को सुलझाने की अपील कर रहा है. उसने कहा है कि अब तक उसके देश में 70,000 शरणार्थी आए हैं और सरकार को उन्हें राहत देने में परेशानी हो रही है.
एमजी/एनआर(रॉयटर्स, एएफपी)