आईएमएफ का यूरोपीय अध्यक्ष नहीं चाहता ब्रिक्स
२५ मई २०११आईएमएफ में ब्रिक्स देशों के डायरेक्टरों ने एक साझा बयान जारी कर अपना विरोध जाहिर किया है. इस बयान में कहा गया, "नागरिकता के आधार पर फंड का प्रबंध निदेशक चुने जाने की परंपरा फंड की वैधानिकता को कम करती है"
उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अहमियत
पांचों देशों ने इस बात को साफ किया कि हाल के आर्थिक संकट ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अहमियत बढ़ाई है और इस बात को भी साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार की जरूरत है. ब्रिक्स ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों में आईएमएफ और अन्य अहम संस्थानों के अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने की बात कही जा चुकी है.
बयान में कहा गया, "अब इस अलिखित परंपरा को खत्म करने की जरूरत है कि आईएमएफ का अध्यक्ष यूरोप से ही होगा. यूरोप के अधिकारियों के हाल में आए ऐसे बयानों से हम चिंतित है कि आईएमफ की अध्यक्षता किसी यूरोपीय के पास ही रहनी चाहिए."
"बात से पलटो मत"
बयान में यूरोपीय अधिकारियों के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की गई है. ब्रिक्स ने कहा, "2007 में जब स्ट्रॉस कान का चयन हुआ था तब यूरो ग्रुप के अध्यक्ष ज्यॉं क्लाउद युंकर ने एलान किया था कि अगला अध्यक्ष निश्चित तौर पर कोई गैर यूरोपीय होगा. उन्होंने कहा था कि यूरो ग्रुप और यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रालय इस बात को जानते हैं कि निकट भविष्य में स्ट्रॉस कान आईएमएफ का अध्यक्ष बनने वाले आखिरी यूरोपीय होंगे. हाल के बयान उन घोषणाओं के विरोधाभासी हैं."
ब्रिक्स देशों का कहना है कि अगर आईएमएफ की वैधानिकता और विश्वसनीयता बनाए रखनी है तो उसका अध्यक्ष सभी सदस्यों के साथ विस्तृत विचार विमर्श के बाद चुना जाना चाहिए.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया