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आगे बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहें: अन्ना हजारे

१० अप्रैल २०११

आमरण अनशन तोड़ने के बाद अन्ना हजारे ने समर्थकों से कहा, आगे बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहें. अन्ना के मुताबिक भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल संसद में 15 अगस्त तक पास हो जाना चाहिए, अगर ऐसा न हुआ तो फिर बड़ा प्रदर्शन होगा.

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तस्वीर: AP

अनशन खत्म करने के बाद भी गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने आशंका जताई है कि नेता इतनी आसानी से भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून पास करवाने के लिए तैयार नहीं होंगे. नेताओं को चेतावनी देते हुए अन्ना ने समर्थकों से कहा कि आगे 'बड़ी लड़ाई' के लिए तैयार रहें.

अनशन से यूपीए की सरकार की हालत खराब कर देने वाले 73 साल के हजारे ने कहा कि 'सत्ता के भूखे' नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून को आसानी से स्वीकार नहीं करेंगे. कानून के बाद ताकत का मजा लेने की उनकी क्षमता पर ग्रहण लग जाएगा. लेकिन चेतावनी भरे अंदाज में उन्होंने कहा, ''इस मुद्दे पर लोग फिर इकट्ठा होंगे.''

हजारे ने भारतीय राजनीति में पसरी चापलूसी की परंपरा पर भी वार किया. उन्होंने कहा, ''सांसदों और विधायकों को लोगों का काम करने के लिए चुना जाता है, न कि अपनी मुखियाओं का. लेकिन नेता अपनी ड्यूटी भूल गए हैं.''

Anna Hazare
तस्वीर: UNI

सरकार का आत्मसमर्पण

इससे पहले शनिवार को भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल लाने संबंधी अन्ना हजारे की मांगें मान लीं. अन्ना हजारे मंगलवार से अनशन पर बौठे थे, जिसे उन्होंने शनिवार को तोड़ा. अनशन से मिले अपार जनसमर्थन से सरकार पर ऐसा दबाव बना कि मनमोहन सरकार के पसीने छूट गए.

सरकार और अन्ना हजारे के प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की बातचीत विफल रही. लेकिन शनिवार को तीसरे दौर में सरकार ने आत्मसमर्पण कर दिया. लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई. अधिसूचना में समिति के कार्यों का ब्यौरा देने के साथ ही उन 10 सदस्यों के नाम भी शामिल हैं जिनकी अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी कर रहे हैं. इसमें सरकार की तरफ से कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, गृह मंत्री पी चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद शामिल हैं.

नागरिक प्रतिनिधि के रूप में अन्ना भी शामिल हैं. उनके अलावा मशहूर वकील शांति भूषण और प्रशांत भूषण, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. शांति भूषण इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे.

अधिसूचना तब जारी की जाती है जब संसद या विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा होता है. अधिसूचना को जारी करने के बाद सरकार को सत्र शुरू होते ही अधिसूचना संबंधी प्रस्ताव को संसद में पास करवाना होता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ईशा भाटिया

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