71 साल के हजार और 20 साल के युवा साथ साथ
८ अप्रैल २०११पूरे देश की नजरे दिल्ली के जंतर मंतर चौक पर आमरण अनशन कर रहे अन्ना हजारे पर लगी हैं जिन्होंने लोकपाल बिल के लिए उपवास करना शुरू किया. भारत का युवा वर्ग खासकर सड़कों पर और इंटरनेट में पूरे जोश के साथ भ्रष्टाचार विरोधी इस मुहिम में जुड़ गया है.
दिल्ली के स्टीफन कॉलेज के 20 साल के छात्र निनान वर्गीस कहते हैं, "हम यहां विरोध का जोश जिंदा रखने के लिए हैं. अगर मिस्र और ट्यूनीशिया के लोग बदलाव ला सकते हैं तो हम क्यों नहीं. हम नहीं चाहते कि विरोध की यह लहर कम हो. हम इसे बनाए रखना चाहते हैं. हमें बदलाव चाहिए."
71 वर्षीय हजारे की मांग है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले लोकपाल बिल के लिए एक संयुक्त समिति बनाई जाए ताकि यह कानून सही तरीके से लागू हो. गुडगांव में एचआर सलाहकार के तौर पर काम करने वाली भावना जैन कहती हैं, "मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार अड़ी हुई क्यों है. हम लोकपाल बिल के पारित होने पर उस भारत को देखते हैं जो राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करता है.
सबके सिर फिलहाल अन्ना मेनिया चढ़ा हुआ है. हर कोई उनसे मिलना चाहता है क्योंकि उन्होंने आज के समय में उस लक्ष्य के लिए जुनून और आत्म नियंत्रण दिखाया है जिस पर कुछ ही लोग विचार करते हैं. आप इसका समर्थन करें या विरोध करें लेकिन आप उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते.
इस बीच हजारे के आंदोलन को इंटरनेट पर भी जोरदार समर्थन मिल रहा है. फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग्स, एसएमएस के जरिए हजारे को समर्थन देने की अपील की जा रही है और लोग कर भी रहे हैं.
कुछ एसएमएस कहते हैं 'अन्ना हजारे आपके भविष्य के लिए उपवास कर रहे हैं. क्या आप घर पर बैठे रहेंगे और उन्हें मरने देंगे.'
आईआईटी दिल्ली के हर्ष चोरडिया कहते हैं, "जब मुझे पहली बार ऐसा एसएमएस मिला तो मैंने उसे डिलीट कर दिया सोचा कि पब्लिसिटी के लिए है. लेकिन जब मैंने हजारे को टीवी पर देखा तब मुझे समय में आया. मैंने रैली में हिस्सा लिया. मैं फिर से जिंदा हो गया. मैंने उसी समय प्रण लिया कि अपने देश के लिए कुछ करना है."
फेसबुक पर अन्ना हजारे के पेज पर चार दिन के अंदर 32 हजार 553 सदस्य हैं. दिल्ली के अलावा मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलोर में भी लोग हजारे के समर्थन में उतरे हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार