आम कैदियों की जिंदगी गुजारते राजा और कलमाड़ी
१६ मई २०११नई दिल्ली की बदनाम तिहाड़ जेल अब वीआईपी कैदियों का अस्थायी पता बन गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे कई बड़े नेता, कॉरपोरेट जगत के दिग्गज फिलहाल इसी जेल में बंद है. जेल में आतंकवादी, हत्या के दोषी और बलात्कारी सजा काट रहे हैं. लेकिन जेल के नए मेहमानों पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा और दिल्ली कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति के मुखिया सुरेश कलमाड़ी के लिए कोई खास इंतजाम नहीं हैं. इन्हें छोटी-छोटी कोठरी में आम कैदियों के साथ रखा गया है. इन वीआईपी कैदियों को चिलचिलाती गर्मी में दूसरे कैदियों के साथ गुसलखाना इस्तेमाल करना पड़ता है.
तिहाड़ जेल के प्रमुख नीरज कुमार के मुताबिक राजा के अलावा भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व प्रमुख कलमाड़ी जेल में बंद है लेकिन उन्हें कोई खास सुविधा नहीं दी जाती. कुमार के मुताबिक, "मीडिया में सिर्फ कल्पना की जा रही है कि यह एक वीआईपी जेल है." तिहाड़ जेल में क्षमता से दोगुने कैदियों को रखा गया है. फिलहाल 11, 700 कैदी इस जेल में बंद है, इनमें 470 महिला बंदी और 500 विदेशी कैदी शामिल हैं.
वीआईपी को सुविधा नहीं
कुमार कहते हैं, " हमने कोई खास सुविधा उन लोगों को नहीं दी है, और ना ही उन्होंने इसकी मांग की है." फिलहाल जो बड़े नाम तिहाड़ के कैदियों में शामिल हैं उनमें सबसे ऊपर स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपी ए राजा हैं. उन पर पर 2008 में टेलीकॉम लाइसेंस कम दरों पर बेचने का आरोप है. सीबीआई और भारत के महालेखा परीक्षक का अनुमान है कि इस घोटाले से सरकार को 1.76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है. राजा के अलावा 5 बड़े उद्योगपति भी इसी जेल की चारदीवारी में दिन काट रहे हैं. कलमाडी भी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ में बंद हैं.
आमतौर पर कैदियों की दिनचर्या सुबह 6 बजे शुरू होती है. सबसे पहले कैदियों की गिनती होती है. फिर उन्हें कतार में लगकर सुबह का नाश्ता लेना पड़ता है. नाश्ते में दो ब्रेड, सालन और चाय दी जाती है. जेल में बंद लोगों को रोटी, दाल, चावल और सब्जियां दी जाती हैं. जेल के मुखिया कुमार के मुताबिक, "खाना गर्म डिब्बों में डालकर कैदियों के वार्ड तक पहुंचाया जाता है."
दिल्ली में इस वक्त बहुत गर्मी पड़ रही है. पारा 42 डिग्री के करीब है. कुमार के मुताबिक कैदियों को कूलर देने की कोई योजना नहीं है.
दबाव में भेजना पड़ा जेल
दुनिया भर में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन की अनुपमा झा के मुताबिक, "भारतीय पुलिस बड़े और प्रभावशाली लोगों को पकड़ने से बचती है. ऐसा शायद ही कभी देखने को मिलता है कि इतने बड़े लोग जेल में बंद हो, लेकिन सरकार को दबाव में आकर ऐसा करना पड़ा. भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में आक्रोश था."
फिलहाल कलमाड़ी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ में बंद हैं. सीबीआई ने अभी तक उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है. मनोवैज्ञानिक गुंजन राइडर के मुताबिक, "वित्तीय आजादी और सेलिब्रेटी स्टेट्स से लेकर जेल की कठिन जिंदगी में अपने आप को पाना उनके लिए बहुत बड़ा सदमा है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ आमिर अंसारी
संपादनः ए कुमार