इटली के मोंटी से बाजार को उम्मीदें
१४ नवम्बर २०११अर्थशास्त्र के प्रोफेसर मारियो मोंटी यूरोपीय संघ के विभिन्न विभागों में आयुक्त भी रह चुके हैं. प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद मोंटी अब नई सरकार का गठन करेंगे. कर्ज संकट से निकलने की आशा जताते हुए मोंटी ने कहा कि वह इटली के बच्चों के लिए "एक गौरवशाली और उम्मीदों भरा भविष्य" तैयार करना चाहते हैं.
मोंटी के प्रधानमंत्री बनने से शेयर बाजारों को कुछ राहत जरूर मिली है. एशियाई बाजारों में बढ़त देखी गई है. उम्मीद है कि यूरोपीय शेयर बाजार भी मोंटी पर भरोसा जताएंगे और नए कारोबारी हफ्ते में ऊपर की तरफ जाएंगे.
मोंटी का टेस्ट
नए प्रधानमंत्री का एक बड़ा इम्तिहान सोमवार को ही होना है. सोमवार को इटली सरकार के बॉन्ड्स की नीलामी होगी. बॉन्ड्स जिस ब्याज दर पर बिकेंगे, उससे पता चल जाएगा कि बाजार को इटली पर भरोसा है या नहीं. बीते हफ्ते बॉन्ड्स 7 फीसदी की ब्याज दर को पार कर गए थे. इन कारणों के चलते सिल्वियो बर्लुस्कोनी को प्रधानमंत्री पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.
कभी कॉरपोरेट जगत की बड़ी बड़ी कंपनियों के विलय करा चुके मोंटी को तीक्ष्ण बुद्धि और कूटनीति का धनी माना जाता है. वह अर्थशास्त्र के माहिर व्यक्ति हैं. गुटबंदी और भारी दवाब के सामने न झुकने वाले मोंटी को यूरोपीय आयोग के सबसे सम्मानित पूर्व अधिकारियों में गिना जाता है.
आसान नहीं है चुनौती
68 साल के मोंटी के सामने अब चुनौती इटली को बचाने और यूरोप को टूटने से रोकने की है. कहा जा रहा है कि नए प्रधानमंत्री बहुत जल्द एक छोटी सरकार का गठन करेंगे. सरकार का चेहरा 1995 की सरकार जैसा हो सकता है. 16 साल पहले इटली के पूर्व बैंक अधिकारी लाम्बेर्तो दिनी ने ऐसी ही सरकार बनाई और इटली की अर्थव्यवस्था में प्राण फूंके. मोंटी भी ऐसी ही कहानी दोहरा सकते हैं. इटली में 2013 तक आम चुनाव नहीं होंगे. ऐसे में मोंटी के पास 18 महीने का ठीक ठाक वक्त है.
रिपोर्ट: रॉयटर्स, एएफपी/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया