ईरान के धमाके की चौतरफा निंदा
१६ दिसम्बर २०१०राष्ट्रपति ओबामा ने अपने लिखित बयान में कहा है, "मैं चाबहार में एक मस्जिद पर हुई आतंकवादी कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. आशूरा के मौके पर इबादत की जगह पर निर्दोष लोगों की हत्या निंदनीय कार्रवाई है. जिन लोगों ने इस घिनौने अपराध को अंजाम किया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए." अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां किसी धार्मिक, राजनीतिक और राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं मानतीं. अमेरिका दुनिया के किसी भी हिस्से में होने वाली इस तरह की कार्रवाइयों की निंदा करता है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी इस हमले की निंदा की है और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी है.
विद्रोही सुन्नी गुट जुनदुल्लाह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. अमेरिका ने नवंबर में इस गुट को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया है. यह गुट पाकिस्तानी सीमा से सटे इलाकों से काम करता है. ईरानी अधिकारियों का कहना है कि यह आतंकवादी गुट अल कायदा से जुड़ा है और इसे ईरान के दुश्मन अमेरिका से आर्थिक मदद और ट्रेनिंग मिली है. उन्होंने इसमें ब्रिटेन को भी शामिल बताया है.
ईरान के साथ तनावपूर्ण संबंध होने के बावजूद अमेरिका ने बम धमाके की कड़े शब्दों में निंदा की है. इसका मकसद आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को जाहिर करना तो है ही, साथ ही अमेरिकी इन आरोपों से भी खुद को अलग कर लेना चाहता है कि इस हमले के पीछे उसका हाथ हो सकता है.
हमलावर ने आशुरा के मौके पर जुलूस में शामिल हो रहे लोगों के बीचोंबीच पहुंच कर धमाका कर दिया. सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत के गवर्नर अली मोहम्मद आजाद ने बताया, "दो आतंकवादी मारे गए. एक की मौत धमाके में हो गई जबकि दूसरा पुलिस की गोली का निशाना बना. तीसरे आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया." एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी भाग कर सीमा पार जाने की कोशिश कर रहा था.
शिया बहुल ईरान में चाबहार के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी समुदाय के लोगों की अच्छी खासी अबादी है और जुनदुल्लाह गुट के उग्रवादी वहां से हिंसक गतिविधियां चलाते रहे हैं. खुद को इलाके के बड़े सुन्नी बलोची समुदाय के अधिकारों का हितैषी बताने वाले जुनदुल्ला ने पिछले दशक में ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं. इन हमलों में आम लोग भी मारे गए हैं.
ईरान के गृह मंत्री मुस्तोफा मोहम्मद नजर का कहना है कि आतंकवादियों के एक गुट को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली और उसी ने इस हमले को अंजाम दिया है. उनका कहना है कि पाकिस्तान को इस हमले की योजना के बारे में पता था.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने इस हमले को आतंकवाद की घिनौनी कार्रवाई बताया है. फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बैर्ना वालेरो ने कहा कि उनका देश आतंकवादी कार्रवाई के बाद ईरान के दुख में शामिल है. जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने आतंकवदी बम धमाके की निंदा की है. वहीं यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जायद अल नाह्यान ने ईरान के साथ पूरी एकजुटता जताई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार