ईरान में एक महिला को फांसी हुई
१ दिसम्बर २०१०शहारा जाहेद की वकील ने बताया कि ईरानी समय से मुताबिक उन्हें सुबह पांच बजे फांसी दी गई. लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मंगलवार को ईरान से अपील की कि जाहेद को मिली मौत की सजा पर रोक लगाई जाए. संगठन का कहना है कि हो सकता है कि जाहेद को गलत मामले में फंसाया गया हो.
बताया जाता है कि जाहेद ईरानी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के पूर्व स्ट्राइकर नासिर मोहम्मद खानी के साथ "अस्थायी" रूप से शादीशुदा हैं. जाहेद को आठ साल पहले नासिर की "स्थायी पत्नी" को चाकू घोंप कर मार देने का दोषी करार दिया गया.
बहुसंख्यक मुस्लिम शिया आबादी वाले देश ईरान में महिला और पुरुष आपसी सहमति के आधार पर कुछ समय के लिए शादी कर सकते हैं. इसे मुताह निकाह कहते हैं. तय अवधि के बाद शादी बिना तलाक के खत्म हो जाती है. वे चाहें तो इस अवधि को बढ़ा सकते हैं. पुरूष स्थायी तौर पर चार बीवियां रख सकते हैं, जबकि मुताह पत्नियों की संख्या कितनी भी हो सकती है. वहीं महिलाएं एक समय में सिर्फ एक पुरूष से शादी कर सकती हैं.
एमनेस्टी का कहना है कि 2008 के शुरू में न्यायपालिका ने जाहेद को दोषी ठहराने के फैसले को पलट दिया और मामले की नए सिरे से जांच के आदेश दिए. लेकिन फरवरी 2009 में जाहेद को फिर मौत की सजा सुनाई गई. खानी 1980 के दशक में ईरान के अहम फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं और बाद में वह तेहरान के पर्सेफोलिस फुटबॉल क्लब के कोच भी बन गए.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह ईरान में इस साल अब तक 142वीं मौत की सजा है. इससे पहले 2009 में 270 लोगों की इस तरह की सजा दी गई. ईरान का कहना है कि मौत की सजा कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है और हर स्तर पर कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही यह सजा सुनाई जाती है. ईरान में हत्या, बलात्कार, हथियारबंद लूटपाट, नशीली दवाओं की तस्करी और व्यभिचार के लिए मौत की सजा का प्रावधान है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा