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ईरान में मीडिया पर लगाम कसने के लिए नया विभाग

१३ फ़रवरी २०११

ईरान की न्यायपालिका ने एक विशेष अभियोजन विभाग का गठन किया है जो मीडिया और संस्कृति से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी. इस्लामी कानूनों का हवाला देते हुए मीडिया पर सख्ती बढ़ाने के संकेत दिए जा रहे हैं.

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तस्वीर: AP

तेहरान के मुख्य अभियोजक ने रविवार को ये जानकारी दी. अभियोजक अब्बास जाफरी दौलताबादी ने कहा कि मीडिया और संस्कृति के मामलों में होने वाले कुछ अपराधों की सुनवाई ये खास विभाग करेगा. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना के मुताबिक दौलताबादी ने कहा है, "आखिरकार हम लोग एक इस्लामी समाज में रहते हैं." ये कह कर उन्होंने ये संकेत दिया कि देश में इस्लामी कानून से ऊपर कुछ भी स्वीकार नहीं है.

हालांकि जाफरी दौलताबादी ने ये भी कहा कि नया विभाग मीडिया और संस्कृति के मामलों में ज्यादा पेशेवर और रचनात्मक रवैया अपनाएगा साथ ही कोशिश करेगा कि जितना ज्यादा हो सके गलतियों को बर्दाश्त किया जाए.

2009 के राष्ट्रपति चुनाव में कथित धांधलियों की खबर आने के बाद ईरान में स्थानीय और विदेशी मीडिया पर पाबंदियां बढ़ गई हैं. इन चुनावों में राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की दोबारा जीत हुई थी. कई स्थानीय पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया और उनमें से कुछ पर कई मामलों दर्ज कर उन्हें जेल में डाल दिया गया. विपक्षी अखबार और वेबसाइट पर भी शिकंजा कस दिया गया और देश में तो बस उन्हें प्रॉक्सी सॉफ्टवेटर के जरिए ही देखा जा सकता है.

इक्के दुक्के ही सुधारवादी अखबार अभी भी ईरान में काम कर पा रहे हैं. ज्यादातर स्थानीय मीडिया ने सरकार के साथ तालमेल बिठा लिया है. विदेशी मीडिया के 2009 में विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग करने पर रोक लगा दी गई. इतना ही नहीं उनके विपक्षी नेताओं से संपर्क करने पर भी पाबंदी है. इन लोगों को केवल कुछ सरकारी कार्यक्रमों को कवर करने की इजाजत दी जाती है. जर्मनी के दो पत्रकार पिछले कई महीनों से अश्तियानी साकिनेह का इंटरव्यू करने के आरोप में ईरान की जेल में बंद हैं. साकिनेह को पत्थरों से मार कर मौत की सजा दी गई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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