ईरानी ज्यूरी के बिना शुरू हुआ बर्लिनाले
११ फ़रवरी २०११बर्लिनाले पालास्त के भव्य हॉल में जूरी की अध्यक्ष इसाबेला रोस्सेलिनी ने ज्यूरी सदस्य ईरानी फिल्मकार जफर पनाही की भावनाओं से भरी चिट्ठी पढ़कर सुनाई. उपस्थित लोगों ने एकसाथ खड़े होकर उनकी हिम्मत की दाद दी. मंच पर उनकी कुर्सी खाली रखी गई थी. अपने पत्र में पनाही ने लिखा था कि 20 साल तक वे दुनिया को फिल्म की नजर से नहीं देख पाएंगे, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि अपनी रिहाई के बाद उन्हें एक दुनिया मिलेगी, जहां भौगोलिक, नस्ली और वैचारिक सीमाओं को लांघकर यात्रा की जा सकेगी. वह एक ऐसी दुनिया होगी, जहां धर्म और विचारों की भिन्नता के बावजूद लोग शांति में जी सकेंगे.
इस अवसर पर जर्मनी के संस्कृति राज्यमंत्री बैर्न्ड नोएमान्न ने कहा कि किसी फिल्मकार की आजादी पर हमला आजादी के मौलिक अधिकार पर हमला है. यह चीन, और खासकर ईरान के लिए लागू होता है. अभिनेत्री जासमीन तबातबाई का जन्म तेहरान मे हुआ था. उन्होंने कहा कि पनाही के मामले से इस्लामी गणराज्य का असली चेहरा उजागर हो गया है.
महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर ईथन और जोएल कोएन की फिल्म ट्रू ग्रिट दिखाई गई, जिसे दर्शकों ने अत्यंत सराहा. महोत्सव के निदेशक डीटर कोसलिक के इस पद पर दस साल पूरे हुए. इस अवसर पर शुभकामनाएं प्रदान की गई. बर्लिन के महानगर प्रमुख क्लाउस वोवेराइट ने कात्या आइषिंगर का विशेष रूप से स्वागत किया, हाल में जिनके पति, मशहूर जर्मन फिल्मकार बैर्न्ड आइषिंगर का देहांत हो गया है.
इस बार बर्लिन फिल्म महोत्सव की प्रतियोगिता श्रेणी में विभिन्न देशों की 16 फिल्मों को शामिल किया गया है. इनमें से गोल्डन और सिल्वर बीयर पुरस्कार दिए जाएंगे. महोत्सव की ज्यूरी में इस बार भारत से आमिर खान शामिल हैं. 20 फरवरी तक चलने वाली फिल्म महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 400 फिल्में शामिल हैं.
रिपोर्ट: डीपीए/उ भट्टाचार्य
संपादन: एस गौड़