उत्तराधिकारी बन सकते हैं किम जोंग-उन
२८ सितम्बर २०१०उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने पहली बार किम जोंग-उन का खुले आम नाम लिया है लेकिन उन्हें देश पर तानाशाही कर रहे 68 वर्षीय नेता किम जोंग इल का बेटा नहीं बताया है. किम जोंग इल को 2008 में पक्षाघात हुआ था लेकिन बीमारी के बावजूद सत्ता पर उनकी पकड़ कमजोर होने के संकेत नहीं हैं. उत्तर कोरियाई मामलों के जानकारों का कहना है कि उनका बेटा पूरी तरह सत्ता संभालने के लिए बहुत युवा और गैरअनुभवी है.
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने जूनियर किम को जनरल बनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि किम ने 40 लोगों को सेना में पदोन्नति दी है. उनमें से छह लोगों को सैनिक जनरल का रैंक प्रदान किए जाने का निर्देश जारी किया है. इनमें जोंग-उन और कोरियाई नेता की बहन क्योंग हुई को विश्व की सबसे बड़ी सेनाओं में एक का जनरल बनाया गया है. क्योंग हुई के पति जांग सेयोंग ताएक इस जून से सर्वसत्तावान राष्ट्रीय रक्षा आयोग के उपाध्यक्ष हैं और किम जोंग इल के बाद सबसे महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं.
किम जोंग-उन के बारे में माना जाता है कि वह 1983 या 84 में पैदा हुए, लेकिन इसके अलावा उनके बारे में उत्तर कोरिया के गोपनीय समाज के मानकों से भी बहुत कम जानकारी है. उनके बारे में सिर्फ यह कहा जाता है कि उनकी स्कूली शिक्षा स्विट्जरलैंड में हुई और वह अपने पिता के चहेते हैं.
तीस साल बाद हो रही पार्टी कांग्रेस के मौके पर किम जोंग-उन को सैनिक पद दिए जाने पर वॉशिंगटन के पीटरसन इंस्टीच्यूट फॉर इंटरनैशनल इकॉनोमिक्स के उत्तर कोरिया विशेषज्ञ मारकुस नोलांड कहते हैं, "यह उत्तर कोरिया के शासन में सेना की केंद्रीय भूमिका को दिखाता है."
किम जोंग-उन को जनरल बनाए जाने के बाद उत्तर कोरिया में पिता-पुत्र नेतृत्व का शासन होगा. कोरियाई विशेषज्ञों को मानना है कि यदि बीमार किम जोंग इल की अचानक मौत हो जाती है तो किम जोंग-उन सत्ता के शिखर पर रहेंगे और मदद के लिए अपने परिवार के लोगों से घिरे होंगे.
किम ने इस साल के आरंभ में अपने चाचा को ताकतवर सैनिक पद पर बिठाया था और अब अपनी बहन को भी जनरल बना दिया है. यह सब जूनियर किम के संरक्षक की भूमिका में होंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए कुमार