उत्तर भारत की बत्ती गुल
३० जुलाई २०१२बिजली कटने से दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित नौ राज्यों की बिजली सप्लाई बाधित हुई. भारत के बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस बारे में जानकारी दी, "अभी तक वजह नहीं पता लग पाई है. आगरा के पास कुछ गड़बड़ हुई है. हम इसकी जांच कर रहे हैं." हालांकि गैर सरकारी सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि क्षमता से ज्यादा बिजली निकालने की कोशिश की गई, जिसकी वजह से उत्तरी ग्रिड बैठ गया.
बिजली कटी तो शहरों का जीवन ही थम गया. दिल्ली मेट्रो सहित कम से कम 300 ट्रेनें रुक गईं. हालांकि सोमवार सुबह होते होते 60 फीसदी बिजली को बहाल कर दिया गया. कई जगहों पर जेनेरेटर चलाना पड़ा. साल 2001 के बाद यह पहला मौका है, जब इस स्तर पर बिजली गई है. भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और इस वजह से वहां बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ी है. हालांकि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का दावा है कि भारत में कुल मांग से सिर्फ 12 फीसदी बिजली कम पैदा होती है.
इस साल भारत में मॉनसून भी देर से आया है और जम कर बारिश नहीं हुई है. गर्मी में पंखों और एयर कंडीशनर की वजह से ज्यादा बिजली की खपत होती है. सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 11,000 मेगा वॉट बिजली की दरकार होती है, जबकि सर्वश्रेष्ठ हालत में भी वहां सिर्फ नौ मेगा वॉट बिजली की सप्लाई की जा सकती है. यूपी पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष अवनीश अवस्थी का कहना है कि कुछ राज्यों ने अपनी सीमा से ज्यादा बिजली निकालने की कोशिश की, जिसकी वजह से ग्रिड खराब हो गया.
भारत में बिजली का कटना कोई बड़ी बात नहीं है और दर्जनों शहरों को दिन भर में आधे से ज्यादा समय बिना बिजली के बिताने पड़ते हैं. गांवों की हालत तो और भी खराब है और भारत के कई गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. समाचार एजेंसी एपी ने पिछले साल की जनगणना आंकड़ों के हवाले से लिखा है कि भारत की एक तिहाई आबादी के पास बिजली नहीं है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या बिजली चोरी से होती है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में जितनी बिजली पैदा होती है, उसका आधा हिस्सा चोरी कर लिया जाता है यानी गलत तरीके से प्रयोग किया जाता है. इस वजह से बिजली का सही हिसाब किताब रखना मुश्किल है.
पावर ग्रिड फेल होने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है और तेजी से बिजली को बहाल करने पर काम किया जा रहा है. सरकारी बिजली विभाग की कंपनी पोसोको (पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड) का कहना है, "ज्यादातर जगहों पर बिजली बहाल कर ली गई है. खास तौर पर रेलगाड़ियों की सेवा बहाल कर दी गई है."
भारत में ज्यादातर कोयले और पानी से बिजली बनती है, जबकि सौर ऊर्जा का योगदान एक प्रतिशत से भी कम है. बिजली की भारी मांग को देखते हुए भारत ने परमाणु बिजली पर ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में अमेरिका के साथ परमाणु करार भी किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश की बिजली जरूरतों को पूरा करना है.
भारत में सबसे ज्यादा बिजली की सप्लाई उत्तरी ग्रिड से की जाती है. यह देश की लगभग 28 फीसदी आबादी तक बिजली पहुंचाती है. इसके नाकाम होने के बाद पूर्वी और पश्चिमी ग्रिड की कुछ बिजली इधर बांटी गई है.
उत्तरी ग्रिड खराब होने के साथ ही पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बिजली संयंत्र बंद कर देने पड़े. हालांकि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इसका असर नहीं पड़ा.
एजेए/एमजी (रॉयटर्स, एपी, पीटीआई)