जापान में फिर परमाणु बिजली
५ जुलाई २०१२पिछले 25 सालों में सबसे भयानक परमाणु दुर्घटना की जांच के अंत में विशेषज्ञ दल ने कहा है कि त्रासदी सरकार, नियामकों और प्लांट के ऑपरेटर के बीच टकराव के चलते हुई है. जांच समिति ने कहा है कि सर्फ सूनामी ही नहीं, पिछले साल 11 मार्च को आए बड़े भूकंप से हुए नुकसान को दुर्घटना की वजह होने से इनकार नहीं किया जा सकता. जांच के इन नतीजों का सरकार द्वारा बंद पड़े परमाणु प्लांट को फिर से शुरू करने के फैसले पर गंभीर असर हो सकता है.
641 पेज वाली रिपोर्ट के अंग्रेजी संक्षिप्त रूप में जांच समिति ने कहा है, "फुकुशिमा परमाणु बिजलीघर दुर्घटना सरकार, नियामकों और टेप्को के बीच टकराव तथा उनके द्वारा प्रशासन की कमी का नतीजा था." रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय नियामक सुरक्षा मानकों को लागू करने में आनाकानी कर रहे थे जो दुर्घटना को रोकने में मददगार होता. फुकुशिमा में दुर्घटना के बाद रिएक्टर गल गया और रेडिएशन बाहर निकल गया जिसकी वजह से डेढ़ लाख लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा. उनमें से ज्यादातर फिर कभी वापस नहीं लौट पाएंगे.
जांच समिति ने कहा है, "हर जगह आयोग ने अज्ञान और हेकड़ी देखी जो परमाणु किसी भी व्यक्ति या संस्था के लिए माफ न किए जाने लायक हैं. हमने ग्लोबल रुझानों और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए उपेक्षा देखी." समिति की यह खोज कि भूकंप से हुए नुकसान की भी दुर्घटना में भूमिका हो सकती है, रिएक्टरों को फिर से चालू करने पर असर डाल सकता है. समिति के सदस्य कात्सुहिको इशीबाशी ने कहा, "हमने साबित किया है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि सूनामी के बिना यह संकट पैदा नहीं हुआ होता."
विशेषज्ञों ने कहा है कि पश्चिम जापान में कंसई इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी की ओही प्लांट में एक सक्रिय गड़बड़ी हो सकती है. इस प्लांट की यूनिट नम्बर 3 ने गुरुवार से बिजली की सप्लाई करनी शुरू की है. सरकार ने बिजली की कमी से निबटने के लिए ओही के यूनिट नम्बर 4 को भी चालू करने की अनुमति दे दी है. इस महीने के अंत से वह भी बिजली की आपूर्ति करने लगेगा.
यूनिट नम्बर 3 ने शुरू में 50,000 किलोवाट का उत्पादन शुरू किया है, जिसे सोमवार तक बढ़ाकर पौने 12 लाख किलोवाट कर दिया जाएगा.
इस रिएक्टर को शुरू करने से गर्मियों बिजली की कमी के बीच राहत की उम्मीद की जा रही है. सरकार गर्मियों के लिए अपने बचत लक्ष्य में ढील दे सकती है. जापान में कुल बिजली का 30 फीसदी परमाणु बिजली से आता था. फुकुशिमा की दुर्घटना के बाद सभी परमाणु बिजलीघरों को बंद कर दिया गया था.
जांच समिति की रिपोर्ट छह महीने की जांच के बाद आई है जिसके दौरान 1100 लोगों से बात की गई और 900 घंटे की सुनवाई हुई. यह अपने तरह की पहली जांच है. और दो जांच समितियां फुकुशिमा की परमाणु दुर्घटना की जांच कर रही हैं.
एमजे/ओएसजे ( रॉयटर्स, एएफपी)