ओबामा की जीत का दुनिया पर असर
७ नवम्बर २०१२ईरान
ईरान में लोग मान रहे थे कि अगर मिट रोमनी अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो जंग होनी तय है. रिपब्लिकन नेता रोमनी लगातार इस्राएल को ज्यादा समर्थन देने की बात कर रहे थे, वह ओबामा पर ईरान के खिलाफ सख्ती न बरतने का आरोप लगा थे. वहीं ओबामा ने सामरिक विकल्पों से ज्यादा कूटनीति को महत्व दिया. जाहिर है ऐसे में ओबामा की जीत पर तेहरान भले ही आधिकारिक बधाई न दे लेकिन उसका मुस्कुराना वाजिब है.
इस्राएल
रोमनी की हार से इस्राएल को भी थोड़ा झटका लगा. इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू मिट रोमनी के दोस्त हैं. ओबामा की जीत पर इस्राएल सरकार ने कहा, "प्रधानमंत्री चुनाव में जीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को बधाई देते हैं. इस्राएल और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी अभी सबसे ज्यादा मजबूत है."
विश्लेषक मानते हैं कि नेतन्याहू मन ही मन ओबामा की जीत से बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं. ओबामा मध्य पूर्व नीति के तहत इस्राएल को झिड़क चुके हैं. इस्राएल को उम्मीद थी कि रोमनी के आते ही वह अमेरिका की आड़ में ईरान पर धावा बोल देगा.
पाकिस्तान
असमंजस की स्थिति में पाकिस्तान भी है. इस्लामाबाद रिपब्लिकन पार्टी को ज्यादा बेहतर साथी समझता है. डेमोक्रैट ओबामा के साथ बीते दो साल से उसके अनुभव बड़े खट्टे रहे हैं. ड्रोन हमले, ओसामा बिन लादेन की मौत, नाटो के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत और बढ़ते दबाव के लिए पाकिस्तान ओबामा को जिम्मेदार ठहराता है. लेकिन इस्लामाबाद के पास इस वक्त नतीजे को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है.
भारत
भारतीय नेताओं ने ओबामा की जीत का स्वागत किया है. ओबामा और मनमोहन सिंह के प्रगाढ़ संबंधों का असर बधाइयों में भी देखने को मिला. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार और भारत के लोग राष्ट्रपति ओबामा को दूसरी बार चुनाव जीतने पर बधाई देते हैं."
भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति को निजी तौर पर भी शुभकामनाएं दी. यह जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, "लोकतंत्र पर विश्वास के साझा मूल्यों के आधार पर भारत और अमेरिका ने प्रगाढ़ द्विपक्षीय सहयोग और साझेदारी को विकसित किया है. आने वाले समय में हम भारत और अमेरिका के संबंधों को ज्यादा गहराई में ले जाने की उम्मीद करते हैं." ओबामा की जीत में भारतीय मूल के वोटरों का भी बड़ा योगदान रहा. चुनाव में निर्णायक साबित होने वाले अमेरिका के स्विंग स्टेट्स में तीन चौथाई भारतीय मूल के अमेरिकियों के वोट ओबामा को मिले.
चीन
बीजिंग ने भी ओबामा की जीत पर ऐसी ही खुशी जाहिर की. चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं ने ओबामा को बधाई देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के बीते चार सालों में अमेरिका और चीन के संबंध सकारात्मक रहे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, "राष्ट्रपति हू जिंताओ और प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने राष्ट्रपति ओबामा को दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है."
बीजिंग के मुताबिक दोनों देश भविष्य में अपने संबंधों और सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश बरकरार रखेंगे. ओबामा की जीत ऐसे वक्त में हुई जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण कांग्रेस हो रही है. इसमें चीन के भावी शीर्ष नेतृत्व को चुना जाना है. वॉशिंगटन के नतीजों से चीनी नेताओं को पता चल गया है कि अगले चार साल तक उन्हें किस अमेरिकी के साथ काम करना है.
ब्राजील, मेक्सिको, कनाडा, इंडोनेशिया, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने भी ओबामा को शुभकामनाएं भेजी हैं. ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने अपने बधाई देश में कहा, "ऑस्ट्रेलिया सरकार और ऑस्ट्रेलिया के लोगों की तरफ से मैं राष्ट्रपति बराक ओबामा को चुनाव जीतने पर हार्दिक बधाई देती हूं. मैं कामना करती हूं कि दूसरी पारी में उन्हें हर तरह की कामयाबी मिले."
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने भी ओबामा की जीत को एक सकारात्मक संकेत करार दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि आपसी सहयोग को लेकर अमेरिका जितना आगे बढ़ेगा, उतना ही आगे वह भी बढ़ेंगे.
रिपोर्टः ओंकार सिंह जनौटी (एएफपी, डीपीए)
संपादनः एन रंजन