ओलंपिक के सपने पूरी करती एडजो
५ अगस्त २०१२उसका एक ही सपना था कि 50 मीटर फ्रीस्टाइल में वह अपने निजी रिकॉर्ड को सुधार सके. वह इस दूरी को तय करने में 44.6 सेकंड का समय लेती थी, जो 22.73 सेकंड के वर्ल्ड रिकॉर्ड का लगभग दोगुना है. ऐसे में ओलंपिक में पहुंचना ही बड़ी बात थी.
उसके पिता और कोच क्वामी कपोसी का कहना है, "उसके पास ट्रेनिंग के लिए कुछ भी नहीं है. न स्टार्टिंग बोर्ड, न फ्लिपर और न ही तैराकी वाले चश्मे." टोगो में सार्वजनिक पूल का चलन नहीं है, जिसकी वजह से कपोसी को दो अलग अलग होटलों में जाना पड़ता है. हफ्ते में पांच दिन. कपोसी का कहना है, "होटल वालों की रियायत है कि वे हमें मुफ्त में तैराकी करने देते हैं."
लेकिन मध्य वर्ग से आने वाली कपोसी के लिए इतना काफी नहीं है. उसके सामने दुश्वारियां और भी हैं. कपोसी का कहना है, "पूल हमारे घर से 12 किलोमीटर दूर है. मुझे हर तीसरे दिन अपनी कार में तेल भरवाना पड़ता है. अब टोगो ओलंपिक कमेटी ने मुझे पेट्रोल के लिए एकमुश्त कुछ पैसे देना शुरू कर दिया है."
अपनी महीन आवाज में एडजो का कहना है, "मुझे कड़ी मेहनत करना पसंद है." उसने टोगो की जर्सी पहन रखी है, जिसकी जेब में उसके दोनों हाथ समाए हैं. उसके शॉर्ट्स उसकी लंबी टांगों के लिए छोटे पड़ते नजर आ रहे हैं.
तमाम परेशानियों के बाद भी कपोसी ओलंपिक में भाग लेने के लिए न्यूनतम योग्यता हासिल नहीं कर पाई. लेकिन भला हो ओलंपिक समिति का, जिसने दुनिया के हर हिस्से को प्रतिनिधित्व देने का फैसला किया और इस तरह उसे वाइल्ड कार्ड इंट्री मिल गई.
इसके बाद वह जुलाई के मध्य में ही लंदन आ गई ताकि तैयारी कर सके. लेकिन शायद किस्मत 13 साल की इस लड़की के साथ नहीं रही. उसे मलेरिया हो गया और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. कपोसी कहती है, "मुझे तीन दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा. लेकिन अब मैं ठीक हूं." उसके पिता कहते हैं, "वह यहां शामिल होने वाली सबसे कम उम्र की एथलीट है और मैं उसे समझाना चाहता था कि उम्र नहीं, बल्कि भावना से कुछ होना संभव है."
रवांडा से आई उसकी प्रतिद्वंद्वी ने उसे शुभकामनाएं दीं और कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी हिस्सा लेना है. कपोसी ने एक बार फिर कहा, "मेरा एक ही लक्ष्य है. ओलंपिक में मुझे अपने रिकॉर्ड को बेहतर करना है." उसे उम्मीद भी है, "मुझे लगता है कि मैं यह काम कर सकती हूं. मेरे दोस्तों ने कहा कि मुझे दूसरों के बारे में नहीं सोचना है बल्कि टोगो की इज्जत के लिए खेलना है. अब सब कुछ ऊपर वाले के हाथों में है."
शुक्रवार को हजारों लोगों के सामने तैराकी प्रतियोगिता में वह शामिल हुई. उसने 50 मीटर प्रीस्टाइल में दूसरा सबसे धीमा समय निकाला. जाहिर है आखिरी मुकाबले के लिए नहीं चुनी गई.
लेकिन यह दूरी उसने 37.55 सेकंड में पूरी की यानी सपना पूरा किया.
एजेए/एमजी (एएफपी)