भारतीय मुक्केबाजी खेल अदालत में
५ अगस्त २०१२मनोज कुमार का मुकाबला ब्रिटेन के थॉमस स्टॉकर से हो रहा था. दर्शकों में लोकप्रिय स्टॉकर ने आखिर जजों का भी दिल जीत लिया और भारत के 26 वर्षीय मनोज कुमार क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से चूक गए. स्टॉकर ने 20-16 से मनोज कुमार पर जीत हासिल की.
परास्त मनोज कुमार जजों के फैसले से खुश नहीं दिखे और उन्होंने इसे पक्षपात बताया, "यह सही नहीं है क्योंकि वह (स्टॉकर) एक ही दिशा में जा रहा था और उसके अंक 7-4 और 9-4, इस बात को साबित नहीं करते. यह ओलंपिक खेलों जैसा नहीं है बल्कि एक जिला प्रतियोगिता जैसा है क्योंकि अगर ब्रिटेन खेल रहा है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके खिलाफ कौन है. यह एक ऐसी जिला प्रतियोगिता है जिसमें बस चींटिंग, चीटिंग, चीटिंग होती है."
स्टॉकर ने पहला राउंड 7-4 से जीता और दूसरे पर भी 9-5 से बढ़त बनाए रखा. तीसरे राउंड में मनोज कुमार कुछ आगे बढ़े लेकिन जजों के फैसले ने उन्हें बाहर कर दिया. भारतीय टीम इस बात पर काफी नाराज थी. भारतीय टीम के कोच क्यूबा के इग्लेसियास फेरनांदेस ने कहा कि मनोज को बाकी दो राउंड भी जीतने चाहिए थे क्योंकि अंतिम राउंड में उन्हें 7-4 की बढ़त मिली. फेरनांदेस के मुताबिक जजों का फैसला काफी खराब था. भारतीय बॉक्सिंग टीम के राष्ट्रीय कोच गुरबख्श सिंह ने भी कहा कि फैसला बहुत ही एकतरफा है. ब्रिटेन के स्टॉकर ने कहा कि फैसले से वे खुश तो थे लेकिन उन्हें आगे के खेलों में और स्फूर्ति लानी होगी.
मुक्केबाजी में इस बार भारतीय टीम के सपने जजों के फैसलों की बलि चढ़ रहे हैं. सुमित सांगवान भी जजों की वजह से बाहर निकले और विकास कृष्ण को शुरू में विजेता घोषित किया गया लेकिन बाद में उनके अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी ने फैसले के खिलाफ अपील की और विकास कृष्ण बाहर हो गए. भारतीय टीम ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन एआईबीए में विरोध दर्ज किया लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. अब खेल अदालत में शिकायत दर्ज की जा रही है.
भारतीय मुक्केबाजी फेडरेशन के महासचिव पीके मुरलीधरन राजा ने कहा कि भारत ने स्विट्जरलैंड के खेल अदालत में अमेरिकी एरोल स्पेंस के खिलाफ विकास के खेल में फैसले को पलटने के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. एआईबीए ने भारत की टीम की अपील को नहीं स्वीकार किया क्योंकि उन्होंने कहा कि जजों ने खेल को दोबारा देखकर एरोल के पक्ष में फैसला बदला है. भारत का कहना है कि एआईबीए ने केवल अमेरिकी टीम की बात सुनी. 20 साल के विकास कृष्ण ने 13-11 से एरोल स्पेंस के खिलाफ जीत हासिल की लेकिन एरोल की टीम ने अपील दर्ज की और कहा कि भारतीय मुक्केबाज ने तीन बार फाउल किए हैं जिसे जजों ने अनदेखा कर दिया. उसके बाद अमेरिकी मुक्केबाज को चार अंक दे दिए गए और मुकाबला उनके हक में 15-13 से कर दिया.
एमजी/एजेए (रॉयटर्स, पीटीआई)