ओलंपिक दौरे पर आक्रोश
१९ जुलाई २०१२सुरेश कलमाड़ी अब भी भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रमुख हैं. एक भारतीय अखबार के मुताबिक हाई कोर्ट ने कलमाड़ी और आईओए को नोटिस भेजा है. नोटिस में कहा गया है कि, "वह तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक 26 जुलाई से पहले देश छोड़कर नहीं जा रहे हैं."
2010 के कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोपी कलमाड़ी फिलहाल एशियन एथलेटिक्स एसोसिएशन के प्रमुख और इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन के सदस्य हैं. उनके लंदन जाने पर कई लोगों को ऐतराज है. दिल्ली हाई कोर्ट में कलमाड़ी की यात्रा के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले वकील राहुल मेहरा कहते हैं, "कलमाड़ी अप्रत्यक्ष रूप से ओलंपिक खेलों में आईओए का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. कॉमनवेल्थ खेलों के नकारात्मक विचार फैलेंगे और वह हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 81 खिलाड़ियों के लिए एक बाधा होंगे."
भारत के खेल मंत्री अजय माकन भी नहीं चाहते हैं कि कलमाड़ी लंदन ओलंपिक में भारत का किसी भी तरह प्रतिनिधित्व करें. माकन कहते हैं, "मैं श्री कलमाड़ी को सुझाव देना चाहता हूं कि उन्हें सभी आरोपों से मुक्त होने तक ओलंपिक में नहीं जाना चाहिए. मैंने आईओए से पूछा है कि वह आईओसी (इंटरनैशनल ओलंपिक समिति) से बात करें और उन्हें मामले को विस्तार से समझाएं. वह भारत के किसी आधिकारिक प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा नहीं होंगे."
ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले चुके और फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह कहते हैं, "जो कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान भारत के लिए अपमान लेकर आए, गलत कामों के लिए जेल गए, वही अब लंदन ओलंपिक में देश को बदनाम करने जा रहे हैं. सरकार को हरसंभव कोशिश कर उन्हें रोकना चाहिए."
1980 के दशक में भारत की तेज धाविका रही अश्विनी नाचप्पा ने आईओसी को खत लिखकर कलमाड़ी को रोकने की कोशिश की है. खत में नाचप्पा ने लिखा, "सुनवाई के जारी रहने के दौरान कलमाड़ी के लंदन जाने से भारत में तीखा आक्रोश है. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि लंदन ओलंपिक्स 2012 की कार्यकारी समिति की जानकारी में यह बात लायी जाए कि श्री कलमाड़ी के लंदन जाने और खेलों में हिस्सा लेने के गंभीर परिणाम होंगे."
सुरेश कलमाड़ी इस वक्त जमानत पर हैं. कलमाड़ी नई दिल्ली में 2010 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों की आयोजन समिति के प्रमुख थे. उनके कार्यकाल में खेलों की तैयारियां समय से पूरी नहीं हुईं. खेलों के लिए 15 अरब डॉलर का बजट तय किया गया. लेकिन लेट लतीफी की वजह से खेल आयोजन का कुल खर्च 412 अरब डॉलर पर जा पहुंचा.
ओएसजे/एनआर (पीटीआई)