कलमाड़ी को मिली जमानत
१९ जनवरी २०१२कलमाड़ी और वर्मा पर 2010 में हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप हैं. दोनों खेल अधिकारियों को जमानत देते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने उन्हें पांच पांच लाख रुपये की राशि का मुचलका भरने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, "ऐसा कोई आरोप नहीं है जिसके चलते ऐसी आशंका हो कि याचिकाकर्ता कहीं भाग सकते हैं या सुनवाई के लिए अनुपस्थित रह सकते हैं." अदालत ने कलमाड़ी और वर्मा को आदेश दिए हैं कि वे बिना अदालत की अनुमति के देश से बाहर न जाएं.
कलमाड़ी को सीबीआई ने 25 अप्रैल 2011 को गिरफ्तार किया था जबकि वर्मा की गिरफ्तारी 23 फरवरी 2011 को हुई थी. कलमाड़ी, वर्मा और नौ अन्य लोगों पर एक स्विस कंपनी से ऊंची कीमत पर टीएसआर यानि 'टाइमिंग, स्कोरिंग एंड रिजल्ट सिस्टम' खरीदने के आरोप हैं. उन्होंने कंपनी को इस सिस्टम को लगाने के लिए ज्यादा पैसे दिए जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. आरोपियों में ललित भनोत, सुरजीत लाला, एएसवी प्रसाद, एम जयचंद्रन, एके रेड्डी, एके मदान और पीडी आर्या के नाम शामिल हैं.
कलमाड़ी के वकील हितेश जैन ने कहा कि उन्हें चौबीस घंटों के बीच तिहाड़ जेल से रिहा कर दिए जाने की उम्मीद है. अदालत के बाहर उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि कागजी कार्रवाई एक से दो दिन के बीच पूरी हो जाएगी और कलमाड़ी आज शाम या कल सुबह तक बाहर आ जाएंगे." जैन ने कहा कि बेल इस आधार पर दी गई है कि अब तक अदालत में प्रस्तुत किए गए प्रमाण किसी भी तरह से कलमाड़ी की भूमिका को नहीं दिखा पाए हैं. कलमाड़ी को गिरफ्तारी के तुरंत बाद भारतीय ओलंपिक एशोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था. वे सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं और पुणे से लोक सभा में पार्टी के सांसद. गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया है. सीबीआई ने कोर्ट में उनकी जमानत का यह कहकर विरोध किया कि इस मामले में मुकदमा जल्द ही शुरू होने वाला है.
रिपोर्ट: पीटीआई, एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: महेश झा