'और यूरोप, और साझेदारी' है मैर्केल की मांग
८ जून २०१२"हमें और यूरोप की जरूरत है, हमें और साझेदारी की जरूरत है." जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल का तनाव साफ जाहिर हो रहा है. अब जर्मनी यूरो क्षेत्र के देशों से वित्तीय मामलों में साझा नीति और यूरोप के लिए राजनीतिक एकीकरण की मांग कर रहा है. मैर्केल के लिए यह यूरोजोन संकट का सबसे अहम मुद्दा है. इससे पहले यूरोप इस तरह बर्बादी की कगार पर नहीं खड़ा था. यूरोपीय संघ के ज्यादातर देशों में अर्थव्यवस्था ढह गई है और जर्मनी में भी आर्थिक विकास का भविष्य भी बहुत सुनहरा नहीं लग रहा. अगले हफ्ते ग्रीस में भी चुनाव होने वाले हैं और उनके नतीजों का असर जारी यूरो संकट पर पड़ सकता है. स्पेन में बैंकों की परेशानियां बढ़ रही हैं और गर्मी की छुट्टियों से पहले यूरोजोन को लेकर अहम नीतियों का पारित होना अभी संभव नहीं लग रहा है.
इस बीच अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड के प्रमुख बेन बेर्नान्के ने भी कहा है कि अमेरिका को यूरो संकट के लिए तैयार होना होगा. चांसलर मैर्केल अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से मिल रही हैं हालांकि कैमरन ने साझे वित्तीय पैकेज में साथ आने से साफ मना किया है.
लेकिन मैर्केल को पूरा विश्वास है कि इस संकट से भी यूरोप निबट लेगा. जर्मन टेलिविजन चैनल एआरडी के साथ एक इंटरव्यू में मैर्केल ने कहा कि यूरोपीय संघ के देशों को आपस में और साथ मिल काम काम करना होगा. उन्होंने कहा, "हमें केवल एक मुद्रा संघ ही नहीं बल्कि एक वित्तीय एकीकरण की जरूरत है मतलब की एक साझा बजट नीति." उन्होंने कहा कि यूरो मुद्रा इस्तेमाल करने वाले 17 देश ही नहीं बल्कि पूरे यूरोपीय संघ के 27 में से 25 देश उधार लेने पर रोक लगाना चाहते हैं और बचत शुरू करना चाहते हैं.
लेकिन साथ ही मैर्केल ने कहा कि उनकी योजना केवल बचत की नहीं है. "मैंने यूरो प्लस पेक्ट को पेश किया था जिसमें आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धा पर जोर दिया गया है. मुझे लगता है कि बजट को संगठित करना और विकास, दोनों एक ही चीज के दो पहलू हैं. आर्थिक मजबूती के बिना विकास मुमकिन नहीं लेकिन केवल आर्थिक मजबूती काफी नहीं है. बाकी चीजें, खासकर प्रतिस्पर्धा भी बहुत अहम है."
इस बीच जर्मनी की विपक्षी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी और सरकार यूरो क्षेत्र के लिए वित्तीय पैकेज और बचाव योजना के लिए एकमत हो गए हैं और एक यूरोपीय वित्तीय लेन देन टैक्स पर भी सहमति बनती दिख रही है. समझौते के मुताबिक जर्मनी कोशिश करेगा कि इस टैक्स को लागू किया जाए, चाहे कुछ सदस्य देश अपने इलाकों में इसे लागू करना चाहे या नहीं.
रिपोर्टः बेटीना मार्क्स/एमजी
संपादनः आभा मोंढे